अवैध बालू खनन में संलिप्तता के बाद आय से अधिक संपत्ति को लेकर कार्रवाई की जद में आए अफसरों के मददगारों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ईओयू की जांच में सहयोग नहीं करने पर उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होगी। आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करने के दौरान इन अफसरों की जिन संपत्तियों का पता ईओयू को चला था वह बढ़ता ही जा रहा है। जांच में इन दागी अफसरों की कई और संपत्तियों और निवेश का पता जांच एजेंसी को मिला है।
अनुसंधान में नई संपत्तियों का भी पता चला
ईओयू सूत्रों के मुताबिक आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में जिन अफसरों पर कार्रवाई हुई है जांच में उनकी कई और संपत्तियों का पता चला है। कई ऐसी संपत्तियों की जानकारी अनुसंधान के दौरान मिली है जो एफआईआर दर्ज करते वक्त नहीं थी। बड़े पैमाने पर बेनामी संपत्ति होने की भी बात सामने आ रही है। ईओयू उन लोगों का भी हिसाब-किताब खंगाल रही है जिनके माध्यम से बेनामी संपत्तियां बनाई गई है। इसमें बिल्डर और दूसरे धंधा करनेवाले लोग भी शामिल बताए जाते हैं।
जांच में सहयोग नहीं किया तो बढ़ेगी मुश्किल
बताया जाता है कि जांच एजेंसी बेनामी संपत्ति छुपाने में मददगार लोगों से जल्द पूछताछ करेगी। उन्हें जांच में सहयोग करने को कहा जाएगा। यदि वह जांच में सहयोग करते हैं तो उन्हें सरकारी गवाह भी बनाया जा सकता है। वहीं अनुसंधान में मदद नहीं करते हैं तो उन्हें भी अभियुक्त बनाया जा सकता है। फिलहाल जांच एजेंसी दागी अफसरों की बेनामी संपत्ति और लेनदेन को लेकर पुख्ता साक्ष्य इक्ट्ठा करने में जुटी है।
अधिकारी कर रहे निगरानी
बालू के अवैध खनन में संलिप्त अधिकारियों की संपत्ति की जांच की समीक्षा आला अधिकारियों के स्तर से हो रही है। समीक्षा बैठक में आगे की जांच को लेकर अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए जाते हैं। ईओयू में हर हफ्ते या पखवाड़े में यह बैठक होती है जिसमें सीनियर अफसर मौजूद रहते हैं।
इनपर दर्ज है आय से अधिक संपत्ति का मामला
अवैध बालू खनन में संलिप्तता के आरोप में घिरे अधिकारियों में आधा दर्जन पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया है। इनमें खान एवं भूतत्व विभाग के सहायक निदेशक (मुख्यालय) संजय कुमार, आईपीएस राकेश कुमार दूबे, एसडीओ रहे सुनील कुमार सिंह, तत्कालीन एसडीपीओ तनवीर अहमद, पंकज कुमार रावत व तत्कलीन एमवीआई विनोद कुमार शामिल हैं।