लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ हुई घटना के विरोध में पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू शुक्रवार को खीरी पहुंचे। यहां से वे घटना के दौरान मारे गए पत्रकार रमन कश्यप के घर पहुंचे। उन्होंने परिजनों से बात की उसके बाद मौन धारण कर लिया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी नहीं होने पर वहीं धरने पर बैठ गए। निघासन एसडीएम ओपी गुप्ता, यहां पहले एसडीएम रह चुके गोला एसडीएम अखिलेश यादव और लखनऊ के आईपीएस अफसर सुनील कुमार सिंह नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने में जुटे रहे।
सिद्धू ने कहा कि जब तक मिश्रा जी (अजय मिश्रा टेनी) के बेटे आशीष के ऊपर कार्रवाई नहीं होती, वो जांच में शामिल नहीं होता, मैं यहां भूख हड़ताल पर बैठूंगा। इसके बाद मैं मौन हूं कोई बात नहीं करूंगा। मौन धारण से पहले सिद्धू ने कहा कि यहां जो देखा और सुना है, वह दिल दहलाने वाला है। एक जघन्य अपराध की गाथा है। पूरा हिन्दुस्तान न्याय की गुहार लगा रहा है। मेरे लिए संविधान से बढ़ा कुछ नहीं है। संविधान के जज्बे, जमूरियत और इंसाफ को कत्ल करने का एक प्रयास है।
सिद्दू ने कहा कि मानवीय जीवन की पैसों से भरपाई नहीं हो सकती। मैं लवप्रीत के पिता से बात कर रहा था तो उन्होंने भी न्याय दिलाने की बात कही। यहां भी वही बात दोहराई गई। उन्होंने कहा कि हमें इंसाफ चाहिए। हमें पैसे नहीं चाहिए। सबूत, वीडियो, एफआईआर में नाम है, गवाह हैं, फिर भी गिरफ्तारी इसलिए नहीं हो रही कि मंत्री के बेेटे हैं। सिद्धू ने कहा कि अगर रखवाला ही जुल्म करने लगे तो किसके दरवाजे पर गरीब आदमी दस्तक करेगा। बहुत हो चुका। आज अगर किसान आंदोलन को देखेंगे तो सिस्टम से विश्वास उठ गया है।
इससे पहले सिद्धू उत्तराखंड के सितारगंज से होते हुए पीलीभीत में अमरिया से दाखिल हुए। उनके साथ पंद्रह गाड़ियों का काफिला साथ था। अमरिया के मुडलिया बॉर्डर पर एएसपी डॉ.पीएम त्रिपाठी और भारी फोर्स ने उनको रोकने का प्रयास किया। लेकिन उनका काफिल तेजी से बढ़ गया। शाहजहांपुर के खुटार पहुंचने पर नवजोत के काफिले को रोक लिया गया और वहां गाड़ियों की जांच की गई। गाड़ियों में सवार लोगों की जानकारी ली गई।