राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में सैकड़ों किसान सिंचाई के लिए कम पानी की शिकायत लेकर धरना दे रहे हैं। अब इन किसानों ने बीकानेर जिले में स्थित इंदिरा गांधी नहर प्रोजेक्ट के 620-आरडी पर कब्जा करने की योजना बनाई है। नौ दिन से धरना देने के बावजूद मांगे न माने जाने पर किसानों ने यह कदम उठाने की योजना बनाई है। 27 सितंबर से शुरू हुआ किसानों का धरना शनिवार को उग्र रूप में नजर आया। इस दिन किसानों ने धड़साना के एसडीएम ऑफिस का घेराव किया और कई पुलिसवालों को बंदकर बाहर से ताला लगा दिया था।
प्रशासन भी हो गया है चौकन्ना
उधर किसानों की इस योजना की भनक लगते ही प्रशासन भी पूरी तरह से चौकन्ना हो गया है। 620-आरडी बीकानेर और घड़साना श्रीनगर में खराब हालात से निपटने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। वहीं अधिकारी हालात को शांत कराने के लिए प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में जुटे किसान सरकार ने रबी सीजन (सितंबर से मार्च) के बीच इंदिरा गांधी कैनाल प्रोजेक्ट से सात बार पानी छोड़ने की मांग कर रहे हैं। जबकि सरकार ने इस तीन बार ही पानी छोड़ने का आश्वासन दिया है।
बातचीत चल रही पर सरकार सुन नहीं रही
ऑल इंडिया किसान सभा के सदस्य शिवपत मेघवाल ने कहा कि सरकार से बातचीत चल रही है। लेकिन हमारी मांग नहीं सुनी जा रही है। किसान तीन बार पानी छोड़ने की बात पर अड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि किसान बीकानेर के आईजीएपी के 620-आरडी पर कब्जा करके पानी छोड़ने की प्रक्रिया पर नियंत्रण हासिल कर लेंगे। मेघवाल ने कहा कि पिछले नौ दिन से हम शांतिपूर्वक धरना दे रहे हैं, लेकिन सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है। उन्होंने कहा कि 620-आरडी आईजीएनपी फेज-1 का आखिरी सिरा है। इससे हनुमानगढ़, गंगासागर और बीकानेर में सप्लाई होती है। मेघवाल ने कहा कि सरकार झूठे आंकड़े पेश कर रही है। 2001 में जब पोंग डैम में पानी 1339 फीट था तब छह बार पानी छोड़ा गया था। 2004 में यहां 1342 फीट पानी था तब सात बार पानी छोड़ा गया था। लेकिन इस बार डैम में पानी 1354 फीट पानी है, फिर भी केवल तीन बार ही पानी छोड़ा जा रहा है।
कैसे सुरक्षित रहेगी फसल
किसान नेता और पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल ने कहा कि 20 लाख से ज्यादा किसान सिंचाई के लिए इंदिरा गांधी नहर के पानी पर निर्भर हैं। सरकार कर रही है कि रबी की फसलों के लिए तीन बार ही पानी छोड़ेगी, जो कि जरूरत से काफी कम है। ऐसे में तो फसल सूख जाएगी। कम बारिश के चलते पहले ही खरीफ की फसल को नुकसान हो चुका है। उन्होंने कहा कि जब चार महीने बाद पानी छोड़ा जाएगा तो आखिर कौन सी फसल सुरक्षित रहेगी?