लखीमपुर खीरी में रविवार को हुए बवाल के बाद से कांग्रेस काफी ऐक्टिव दिख रही है। यहां तक कि राज्य में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और बीएसपी के मुकाबले भी उसकी सक्रियता अधिक नजर आ रही है। खुद प्रियंका गांधी सड़क पर उतरी हैं और पुलिस ने उन्हें 11 नेताओं समेत गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल भी लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे और बाहर निकलने की अनुमति न मिलने पर धरने पर ही बैठ गए। पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी दिल्ली जाकर इस मसले पर अमित शाह से मिलने वाले हैं।
यही नहीं नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार तक केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे की गिरफ्तारी न होने और प्रियंका गांधी को न छोड़ने पर पंजाब से लखीमपुर तक कांग्रेस के मार्च का अल्टीमेटम दे दिया है। कहा जा रहा है कि इस घटना ने यूपी में बेहद कमजोर और पंजाब में बंटी हुई दिख रही कांग्रेस में नई जान फूंक दी है। दरअसल इसकी वजह लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों का सिख समुदाय से ताल्लुक होना भी है। इसके चलते कांग्रेस यूपी से लेकर पंजाब तक सक्रिय दिख रही है। कांग्रेस के मामलों की जानकारी रखने वालों को कहना है कि इस मामले का फायदा पार्टी पंजाब में भी उठाना चाहती है।
पंजाब में इस बार के चुनाव पूरी तरह से किसान केंद्रित हो गए हैं। इसके अलावा राज्य की बहुसंख्यक सिख आबादी को भी देखते हुए वह इस मामले में सक्रिय हुई है। पश्चिम उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने इस मामले में मोर्चा संभाला तो पूरी पार्टी उनके पीछे एकजुट नजर आ रही है। माना जा रहा है कि यह मामला उसे यूपी से लेकर पंजाब तक बढ़त दिला सकता है। एक तरफ यह घटना यूपी की होने की वजह से उसे इस प्रांत में फायदा मिलेगा तो वहीं सिख ऐंगल जुड़ने के चलते वह पंजाब में भी इससे बढ़त लेने की कोशिश में है।
आंदोलन के दौरान मरे 147 किसानों के परिवारों को दिया नियुक्ति पत्र
मोदी सरकार को किसानों के खिलाफ बताते हुए कांग्रेस एक तरफ आंदोलन कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ उनके हित में कुछ कदम उठाने की भी कोशिश है। इसी कड़ी में पंजाब सरकार ने मंगलवार को किसान आंदोलन के दौरान मौत के शिकार हुए 147 लोगों के परिवारों के सदस्यों को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र दे दिया है। कैप्टन अमरिंदर के दौर में ही इसका ऐलान हो गया था, लेकिन अब तक नियुक्ति पत्र नहीं मिला था।