दिल्ली कैंट के ओल्ड नांगल गांव के श्मशान घाट में नौ वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित बलात्कार और हत्या के मामले में पीड़िता की पहचान उजागर करने के आरोप में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए दायर याचिका पर मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्विटर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। राहुल गांधी ने कथित और पर मृतका और उसके माता-पिता की एक तस्वीर सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर साझा कर दी थी।
चीफ जस्टिस डी.एन. पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह ने जनहित याचिका पर राहुल गांधी और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया और कहा कि वह केवल ट्विटर को नोटिस जारी कर रहे हैं। बेेंच ने कहा कि हम स्पष्ट कर रहे हैं कि हम अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं। हम केवल प्रतिवादी संख्या 4 (ट्विटर) को नोटिस जारी कर रहे हैं।
इसके साथ ही बेंच ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 30 नवंबर तय कर दी। ट्विटर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील साजन पूवय्या ने कोर्ट को बताया कि राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड कर दिया गया था और जिस ट्वीट पर मामला दर्ज है उसे हटा दिया गया था क्योंकि उससे ट्विटर की नीति उल्लंघन होता था। राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील आर.एस. चीमा और वकील तरन्नुम चीमा पेश हुए।
सामाजिक कार्यकर्ता और याचिकाकर्ता मकरंद सुरेश महादेलकर ने याचिका में आरोप लगाया है कि मृतक बच्ची के साथ उसके माता-पिता की तस्वीर पोस्ट कर राहुल गांधी ने नाबालिग न्याय (बच्चों की देखभाल और सुरक्षा) अधिनियम, 2015 तथा यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) का उल्लंघन किया।
वकील गौतम झा के माध्यम से याचिका दायर करने वाले महादलेकर ने आरोप लगाया कि गांधी दुर्भाग्यपूर्ण घटना से राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास कर रहे थे। याचिका में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा गांधी के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई शुरू करने की भी मांग की गई है।
गौरतलब है कि नाबालिग दलित लड़की की 1 अगस्त को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी, जबकि उसके माता-पिता ने आरोप लगाया कि दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के ओल्ड नांगल गांव में एक श्मशान के पुजारी द्वारा उसके साथ बलात्कार और हत्या करने के बाद अंतिम संस्कार किया गया था।