अगले साल होने जा रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) और अनुसूचित जातियों (एससी) के मतदाताओं को लुभाने के लिए रणनीति तैयार की है। जाति आधारित रैलियों के अलावा बीजेपी ने सभी अल्पसंख्यक बाहुल्य बूथों के लिए टीम बनाने का फैसला किया है। पार्टी 20 फीसदी मुस्लिम वोट हासिल करना चाहती है।
राजनीतिक रूप से बेहद अहम और लोकसभा सीटों के लिहाज से सबसे बड़े सूबे के जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए बीजेपी नेतृत्व ने चुनाव प्रभारियों की टीम का ऐलान कर दिया है। इसमें सभी जातियों के नेताओं को शामिल किया गया है और मुखिया धर्मेंद्र प्रधान को बनाया गया है जो खुद ओबीसी समुदाय से आते हैं। पार्टी की राज्य ओबीसी इकाई के प्रमुख नरेंद्र कुमार कश्यप ने बताया कि पार्टी ओबीसी की विभिन्न जातियों से तीन चरणों में संपर्क कार्यक्रम आयोजित करेगी। कश्यप ने कहा, ”पहले फेज में पार्टी ओबीसी के तहत अलग-अलग उप-श्रेणियों के लिए 20 ‘सामाजिक सम्मलेन’ आयोजित करेगी, जिन्हें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री प्रधान, भूपेंद्र यादव जैसे नेता संबोधित करेंगे।
ये कार्यक्रम कश्यप राजभर, पाल, प्रजापति, जोगी, तेली, यादव, गुज्जर, सैनी, चौरसिया, कुर्मी जैसी सभी जातियों के लिए अलग होगी। जाटों के लिए भी सम्मेलन होंगे। जाट जोकि मुख्य रूप से किसान हैं, ओबीसी कैटिगरी में नहीं आते हैं। किसान आंदोलन के केंद्र पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी अपने इस अहम वोटबैंक का दिल दोबारा जीतने की कोशिश करेगी।
इसके बाद दूसरे चरण के कार्यक्रम के तहत बीजेपी कार्यकर्ता प्रमुख ओबीसी शख्सियतों और जाति नेताओं से मुलाकात करेंगे। उन्हें पार्टी की ओर से किए जा रहे विकास कार्यों के बारे में बताया जाएगा। कश्यप ने कहा, ”आखिरी चरण में पार्टी 200 ओबीसी रैलियां करेगी। हर दो विधानसभा सीटों के लिए एक रैली की जाएगी। ये रैलियां भी उपजातियों पर होगी और उसी जाति के नेता इन्हें संबोधित करेंगे।”
इसी तरह पार्टी के एससी मोर्चा सभी 75 जिलों में ‘अनुसूचित जाति सम्मेलन’ करने पर विचार कर रही है। पार्टी की राज्य इकाई राज्य में कई स्थानों पर नवनियुक्त भाजपा उपाध्यक्ष बेबी रानी मौर्य के लिए एक विशेष सुविधा समारोह भी आयोजित करेगी। पार्टी की नवनियुक्त भाजपा उपाध्यक्ष बेबी रानी मौर्य के स्वागत के लिए कई समारोह भी आयोजित करेगी। मौर्या आगरा से हैं और हाल ही में उन्होंने उत्तराखंड के राज्यपाल पद से इस्तीफा दिया है। वह जाटव समुदाय से हैं और आगामी विधानसभा चुनाव लड़ सकती हैं।
मुस्लिम वोटों पर भी नजर
इसी तरह बीजेपी ने अल्पसंख्यक वोटों को हासिल करने की भी तैयारी की है। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की यूपी ईकाई ने राज्यभर में मुस्लिम बाहुल्य बूथों के लिए कार्यकर्ताओं की टीम बनाने का फैसला किया है। यूपी बीजेपी में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रमुख कुंवर बासित अली ने कहा, ”अल्पसंख्यक मोर्चा अल्पसंख्यक बाहुल्य बूथों पर 21 सदस्यों वाली टीम के गठन की प्रक्रिया में है। हमारा लक्ष्य 20 फीसदी मुस्लिम वोट हैं। अली ने कहा कि यदि हर बूथ कार्यकर्ता 10 वोट का इतंजाम भी कर लेता है तो पार्टी 20 फीसदी अल्पसंख्यक वोट का टारगेट हासिल कर लेगी। उन्होंने कहा कि वोटिंग के दिन सभी मुस्लिम बाहुल्य बूथों और इलाकों में पार्टी कार्यकर्ताओं को तैनात किया जाएगा।