पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नंदीग्राम में हार का जो गम मिला था उसे उन्होंने भवानीपुर में धमाकेदार जीत के साथ भुला दिया है। ममता बनर्जी ने भवानीपुर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल को रिकॉर्ड 58,832 वोटों के भारी अंतर से हराया है। इसके साथ ही ममता बनर्जी ने अपनी कुर्सी से खतरे को खत्म कर दिया है। नंदीग्राम में हार के बाद मुख्यमंत्री बनीं ममता के लिए 5 नवंबर से पहले विधानसभा में पहुंचना जरूरी था। ममता इससे पहले भी दो बार इस सीट से जीत दर्ज कर चुकी हैं, लेकिन वोटों के अंतर के लिहाज से यह उनकी सबसे बड़ी जीत है।
ममता बनर्जी को कुल 84,709 वोट मिले तो बीजेपी उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल को 26,320 और सीपीआई (एम) के श्रीजिब बिस्वास को महज 4201 वोट मिले।जीत के बाद मीडिया से बात करते हुए ममता बनर्जी ने भवानीपुर और पश्चिम बंगाल के लोगों का शुक्रिया अदा किया। इस दौरान उन्होंने नंदीग्राम की हार का जिक्र करते हुए कहा कि वहां रची गई साजिश का भवानीपुर के लोगों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। बीजेपी उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल ने अपनी हार स्वीकार करते हुए ममता बनर्जी को बधाई दी है।
बनर्जी के भारी बढ़त हासिल करने की खबरें मिलने के बाद टीएमसी समर्थक जश्न मनाने के लिए सड़कों पर उतर आए। वहीं, भाजपा और माकपा के प्रदेश कार्यालयों में वीरानी छायी रही। इस बीच, निर्वाचन आयोग ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर चुनाव बाद हिंसा की किसी भी घटना के बचने के लिए विजयी जश्न समारोह और जुलूस पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
टिबरेवाल ने शनिवार रात को कलकत्ता हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल को पत्र लिखकर उनसे चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद हिंसा की किसी तरह की घटना को रोकने के लिए एहतियातन कदम उठाने का पुलिस को आदेश देने का अनुरोध किया था। विधानसभा चुनावों में नंदीग्राम सीट से बनर्जी के हारने के बाद राज्य के मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने भवानीपुर सीट खाली कर दी थी ताकि बनर्जी इस सीट से जीत हासिल कर विधानसभा में लौट सकें। टीएमसी ने अप्रैल-मई में हुए विधानसभा चुनावों में इस सीट पर करीब 28,000 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी।