गाजियाबाद में एक 26 वर्षीय दलित युवक की हत्या के बाद कथित तौर पर उसका शव रिश्तेदारों से छीनने का प्रयास करने के आरोप में शनिवार को भीम आर्मी के 10 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। वे लोग इस पर कथित तौर पर राजनीति करना चाहते थे।
गाजियाबाद के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ईराज राजा ने कहा कि युवक के परिवार की मांग प्रशासन द्वारा पहले ही मान ली गई थी और परिजन शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहे थे। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद प्रदर्शन करने के मकसद से भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने युवक के शव को छीनने की कोशिश की।
राजा ने कहा कि करीब ढाई महीने पहले राहुल नाम के युवक को तीन लोगों ने लाठियों और लोहे की छड़ से बुरी तरह पीटा था और इलाज के दौरान शनिवार को उसकी मौत हो गई। राहुल लोनी पुलिस थानाक्षेत्र अंतर्गत संगम विहार इलाके में रहता था। उन्होंने कहा कि पुलिस तीनों आरोपियों- अंकित, पूजन और मोनू- को गिरफ्तार कर चुकी है।
उन्होंने कहा कि उन पर हत्या के प्रयास और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कई अन्य अपराधों सहित विभिन्न आरोपों में मामला दर्ज किया गया था। पुलिस अब तीनों के खिलाफ दर्ज एफआईआर में हत्या के अपराध के लिए आईपीसी की धारा 302 जोड़ेगी, वर्तमान में सभी न्यायिक हिरासत में हैं।
राजा ने कहा कि शनिवार को राहुल की मौत के बाद उसके परिवार के सदस्य शव के साथ इंदिरापुरी पुलिस चौकी के बाहर बैठ गए थे, परिजन मुआवजे के रूप में 30 लाख रुपये, उसकी पत्नी के लिए सरकारी नौकरी और बच्चों को मुफ्त शिक्षा की मांग कर रहे थे।
राजा ने कहा कि प्रदर्शन को देखते हुए क्षेत्र के राजस्व अधिकारी ने विरोध स्थल का दौरा किया और परिवार के सदस्यों को उचित मुआवजे का आश्वासन देकर संतुष्ट किया। सरकार के वादे से संतुष्ट राहुल के परिवार के सदस्यों ने शव को श्मशान ले जाने की तैयारी शुरू कर दी थी, तभी भीम आर्मी के कुछ कार्यकर्ता घटनास्थल पर पहुंच गए और धरने को लंबा खींचने और उस पर राजनीति करने के लिए उनसे शव छीनने की कोशिश की।
राजा ने कहा कि क्षेत्र में तनाव को देखते हुए स्थानीय दुकानदारों ने अपने शटर गिरा दिए, जबकि पुलिस ने भी तुरंत हस्तक्षेप किया और भीम आर्मी के 10 कार्यकर्ताओं को पकड़ लिया, जो पुलिस कर्मियों से भी भिड़ गए। उन पर धारा 332 (हमला), 353 (लोक सेवक के खिलाफ आपराधिक बल का प्रयोग), 504 (शांति भंग), 506 (धमकाना), 147 (दंगा), 148 (सशस्त्र दंगा), 188 सहित विभिन्न दंडात्मक अपराधों के तहत मामला दर्ज किया गया था।
उन्होंने दस गिरफ्तार भीम आर्मी कार्यकर्ताओं की पहचान भूपेंद्र, आशिक, कपिल, सुशांत, अंकित, अमित, राहुल, पवन, सुनील और आजाद के रूप में की, जिनके बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में डासना जेल भेज दिया गया