शिवसेना ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी को पूर्णकलिक अध्यक्ष की जरूरत है। पार्टी ने कहा कि कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर व्याप्त भ्रम पंजाब में राजनीतिक संकट के लिए उतना ही जिम्मेदार है, जितना कि भाजपा। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने दावा किया कि राहुल गांधी हालांकि कांग्रेस पार्टी में कई मुद्दों का समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन पार्टी के पुराने नेताओं का उन्हें रोकने के लिए भाजपा के साथ गुप्ता समझौता है और इसलिए वे पार्टी को डुबाने के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा है, ”कांग्रेस को पूर्णकालिक अध्यक्ष की जरूरत है। बिना सिर के शरीर का क्या फायदा? …कांग्रेस बीमार है और उसका इलाज करना चाहिए, लेकिन इलाज सही है या गलत उसकी समीक्षा की जानी चाहिए।” संपादकीय में शिवसेना ने आरोप लगाते हुए कहा, ”राहुल गांधी किले की मरम्मत करना चाहते हैं। किले का रंग-रोगन करने का प्रयास कर रहे हैं। सीलन, गड्ढों को भरना चाहते हैं, परंतु पुराने लोग राहुल गांधी को ऐसा करने नहीं दे रहे। राहुल गांधी को रोकने के लिए इन लोगों ने अंदर से भाजपा जैसी पार्टी से हाथ मिला लिया है, ऐसा अब पक्का हो गया है। कांग्रेस को डुबाने की सुपारी कांग्रेसियों ने ही ली है। यह मान्य है, परंतु कांग्रेस को स्थायी अध्यक्ष दो। पार्टी का सेनापति नहीं है तो लड़ें कैसे?”
शिवसेना ने कहा, ”पुराने दिग्गज कांग्रेसियों की यह मांग भी गलत नहीं है। कांग्रेस पार्टी में नेता कौन है यह सवाल ही है। गांधी परिवार है, परंतु नेता कौन? अध्यक्ष कौन? इस बारे में भ्रम होगा, तो उसे दूर करना चाहिए।”
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली शिवसेना कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ मिलकर महा विकास आघाड़ी सरकार चला रही है। सामना ने लिखा है, ”पंजाब में दलित मुख्यमंत्री बनाना राहुल गांधी का जोरदार फैसला है, उसे उनके प्रिय सिद्धू ने रोक दिया। कांग्रेस पार्टी में बकवास करनेवालों की कमी नहीं है। सिद्धू जैसे बाहरी पर विश्वास करने की आवश्यकता नहीं थी।” पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और हाल में कांग्रेस से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन फलेरियो की आलोचना करते हुए शिवसेना ने कहा, ” पंजाब में गड़बड़ी शुरू रहने के दौरान गोवा के लोकप्रिय नेता कांग्रेसी पार्टी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में चले गए। उनमें पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन फलेरियो भी हैं।
अमरिंदर और फलेरियो को कहा बेशर्म
शिवसेना का कहना है कि कैप्टन अमरिंदर और लुइजिन फलेरियो को पार्टी ने मुख्यमंत्री जैसा सर्वोच्च पद दिया। इसके बाद भी ये लोग पार्टी छोड़ने की बात कर रहे हैं, ये बेशर्मी की हद है।” सामना ने लिखा कि इसी प्रकार जब कांग्रेस सत्ता में थी तब जितिन प्रसाद को केंद्रीय मंत्री बनाया गया। हालांकि, वह बाद में भाजपा में शामिल हो गए और उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बनाया गया। शिवसेना ने कहा कि कई साल तक कांग्रेस देश की सत्ता में रही है और फिलहाल कुछ राज्यों में शासन कर रही है। हालांकि, भाजपा के सत्ता में आने और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से कांग्रेस पार्टी मुश्किल का सामना कर रही है।