महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में गिरफ्तार आनंद गिरि समेत तीनों आरोपियों को सात दिन की सीबीआई रिमांड पर लिया जाएगा। प्रयागराज में सीजेएम हरेंद्र नाथ की अदालत ने सीबीआई के प्रार्थना पत्र पर तीनों को रिमांड पर देने का आदेश दिया है। अदालत ने रिमांड का आदेश देने से पहले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तीनों आरोपियों आनंद गिरि, आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी से बात भी की। तीनों आरोपियों ने रिमांड का विरोध नहीं किया लेकिन कोर्ट से दो या तीन दिन का ही रिमांड देने की गुजारिश की।
अदालत ने सीबीआई को आदेश दिया है कि रिमांड के दौरान थर्ड डिग्री का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इसके अलावा जेल से तीनों को कस्टडी में लेने और वापस पहुंचाने के दौरान मेडिकल भी कराया जाएगा। रिमांड की अवधि 28 सितम्बर सुबह 9 बजे से 4 अक्टूबर की शाम 5 बजे तक तय की गई है। तीनों की रिमांड को लेकर आरोपियों के वकील और सीबीआई की तरफ से दोपहर दो बजे तक बहस चली। कोर्ट में आनंद गिरि के वकील ने कस्टडी का विरोध किया, जबकि जज ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से आनंद गिरि से बात की तो उन्होंने कस्टडी का विरोध नहीं किया बल्कि दो या तीन दिन की ही रिमांड स्वीकार करने की अपील की।
प्रयागराज के बाघंबरी मठ में ठीक एक हफ्ते पहले नरेंद्र गिरि का शव पंखे से लटका मिला था। उनके कमरे से सुसाइड नोट भी बरामद किया गया था। इसमें शिष्य आनंद गिरि के अलावा लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी रहे आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी पर परेशान करने का आरोप लगाया गया था। सुसाइड नोट में किसी लड़की के साथ महंत नरेंद्र गिरि का वीडियो बनाने और उसके जरिये ब्लैकमेल करने का आरोप आनंद गिरि पर लगाया गया था। घटना के दिन ही हरिद्वार से आनंद गिरि को गिरफ्तार कर लिया गया था। आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप को अगले दिन गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। गिरफ्तारी के बाद से आनंद गिरि ने नरेंद्र गिरि की हत्या का आरोप लगाते हुए खुद को फंसाने का बात कही थी।
महंत की मौत को लेकर कई रहस्यमय स्थितियों को देखते हुए मामले की जांच पहले एसआईटी से कराने का निर्देश दिया गया। लेकिन बाद में जांच सीबीआई को दे दी गई। एक दिन पहले ही सीबीआई ने मठ पहुंचकर घटना का रिक्रिएशन भी किया। मठ के लोगों से अलग अलग और एक साथ पूछताछ भी की थी।