प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने अवैध धर्मांतरण का देशव्यापी सिंडिकेट चलाने और धर्मांतरण के लिए विदेशों से हवाला के जरिए फंडिंग प्राप्त करने वाले गिरोह से जुड़े तीन और अभियुक्तों को रविवार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार अभियुक्तों में मो. सलीम व मोहम्मद इदरीस कुरैशी यूपी के मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं, जबकि अशोक कुणाल चौधरी उर्फ़ आतिफ नासिक (महराष्ट्र) का रहने वाला है। इस मामले में गिरफ्तार अभियुक्तों के खातों में अब तक 20 करोड़ रुपये जमा होना प्रमाणित हुआ है, जिसका ब्योरा वे नहीं दे पा रहे हैं l
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि तीनों अभियुक्तों का नाम मौलाना कलीम सिद्दीकी से पूछताछ में सामने आया था। कलीम से इस समय पुलिस कस्टडी रिमांड पर पूछताछ चल रही है। कलीम ने एटीएस को बताया था कि मो. सलीम, इदरीस कुरैशी और आतिफ चौधरी उसके साथ धर्मांतरण कार्य में शामिल रहते हैं। उसका कहना था कि वह जब भी किसी का धर्म परिवर्तन कराता है तो विदेश में बैठे अपने सहयोगियों को इससे अवगत कराता है। इस पर वे काफी पैसा देते हैं जिससे व्यक्तिगत तौर पर उसे भी काफी आर्थिक लाभ प्राप्त होता है।
मो. सलीम पिछले 17 वर्षों से और इदरीस कुरैशी पिछले 20 वर्षों से कलीम सिद्दीकी को धर्मांतरण के काम में सहयोग कर रहा है। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि वे धर्मांतरण के लिए लोगों से संपर्क करने, कहीं आने-जाने या किसी को ले जाने का कार्य कलीम सिद्दीकी के बताए अनुसार करते थे। दोनों मुजफ्फरनगर जिले के रतनपुरी थाना क्षेत्र स्थित फुलत गांव के मूल निवासी हैं।
कलीम सिद्दीकी द्वारा संचालित जमीयते इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट के विभिन्न खातों में लगभग तीन करोड़ रुपये जमा किए जाने के तथ्य प्राप्त हुए थे, लेकिन बाद में पता चला कि ट्रस्ट के अलग-अलग खातों से 20 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा की जा चुकी है। ट्रस्ट के इंडियन बैंक के खाते में बैंक ऑफ बहरीन एंड कुवैत से करीब डेढ़ करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जिसमें से एक बड़ी राशि कलीम सिद्दीकी द्वारा अपने साथ धर्मांतरण कार्य में लगे लोगों को भेजा जाना प्रमाणित हुआ है।
रूस से मेडिकल की पढ़ाई कर चुका है आतिफ
अभियुक्त कुणाल चौधरी उर्फ आतिफ मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (एमसीआई) की परीक्षा पास करने के प्रलोभन के चलते कलीम सिद्दीकी से जुड़ा लेकिन पिछले दो वर्षों से वह कलीम सिद्दीकी के साथ मिलकर धर्मांतरण का काम कर रहा है। रूस में रहकर मेडिकल की पढ़ाई के दौरान उसने धर्मांतरण किया था। भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए आवश्यक एमसीआई की परीक्षा पास नहीं कर पाने के बावजूद वह अवैध रूप से नासिक में क्लीनिक चलाता था। वह नासिक रोड पर आनंदगर के विजय अपार्टमेंट में रहता था। एटीएस को जांच में पता चला कि अभियुक्त इदरीस कुरैशी ने तीन महीने के अंदर लगभग 60 लाख रुपये से अपना रिहायशी मकान मुजफ्फरनगर में बनवाया और लगभग 2.5 लाख रुपये कीमत की एक बाइक खरीदी। पूछताछ में वह इन संपत्तियों का स्रोत नहीं बता पाया। अभियुक्त कलीम सिद्दीकी और अभियुक्त इदरीस की नई दिल्ली और मुजफ्फरनगर की कुछ और संपत्तियों के बारे में जानकारी मिली है, जिसके संबंध में साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।