हाईकोर्ट नैनीताल ने जासूसी करने के आरोपी पाकिस्तानी नागरिक आबिद अली मामले में अपना निर्णय सुनाते हुए आरोपी की सजा को बरकरार रखा है। जासूसी के मामले में सजा होने के बाद पाकिस्तानी नागरिक आबिद अली पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया है। इसके बाद पुलिस की एक टीम माहीग्रान में उसके घर उसे गिरफ्तार करने पहुंची। पुलिस को चकमा देकर वह फरार हो गया। पुलिस और खुफिया विभाग उसकी तलाश में जुटा है।
सरकार को निर्देश दिए है कि उसके बेलबोंड को निरस्त कर उसे हिरासत में लिया जाय। पूर्व में कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई न्यायमूर्ति रवींन्द्र मैठाणी की एकलपीठ में हुई । हाईकोर्ट में आबिद उर्फ असद अली उर्फ अजीत सिंह निवासी लाहौर (पाकिस्तान) की रिहाई याचिका पर दिए निर्णय में कहा है कि उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत पाए गए है। उसने पासपोर्ट एक्ट के दुरुपयोग किया है।
रुड़की पुलिस ने किया था गिरफ्तार
25 जनवरी 2010 में हरिद्वार के गंगनहर कोतवाली पुलिस द्वारा आबिद अली उर्फ असद अली उर्फ अजीत सिंह निवासी लाहौर (पाकिस्तान) को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट, विदेश एक्ट और पासपोर्ट एक्ट में थाना कोतवाली रुड़की गंगनहर में गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से मेरठ, देहरादून, रुड़की और अन्य सैन्य ठिकानों के नक्शे मिले थे। उससे बरामद एक पेन ड्राइव व कई गोपनीय जानकारी से जुड़े दस्तावेज मिले थे। पुलिस ने रुड़की के मच्छी मुहल्ला स्थित उसके ठिकाने पर छापा मारा तो वहाँ से बिजली फिटिंग के बोर्ड तथा सीलिंग फैन में छिपाकर रखे गए करीब एक दर्जन सिमकार्ड भी बरामद किये।
निचली अदालत से मिली सजा
निचली अदालत ने 19 दिसंबर 2012 को उसे दोषी पाते हुए सजा सुनवाई थी। इसके विरुद्ध अभियुक्त के अधिवक्ता द्वारा अपील दायर की गई। सुनवाई करते हुए अपर जिला जज (द्वितीय) हरिद्वार ने अभियुक्त को बरी करने के आदेश पारित किए गए। लेकिन इसके बाद जेल अधीक्षक के स्तर से कोर्ट तथा एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर बताया गया कि अभियुक्त विदेशी नागरिक है और इसके लिए उसको रिहा करने से पहले उसका व्यक्तिगत बंधपत्र व अन्य औपचारिकताएं पूरी करनी आवश्यक हैं। अपर जिला जज ने जेल अधीक्षक के पत्र के संदर्भ में स्पष्ट किया कि इसके लिए अलग से आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है। एसएसपी के आदेश पर उसे रिहा कर दिया गया।
सरकार ने हाईकोर्ट में आदेश को चुनौती दी
निचली अदालत के आदेश को सरकार ने हाइकोर्ट में विशेष अपील दायर कर चुनौती दी। सरकार द्वारा कहा गया कि निचली अदालत ने बिना ठोस सबूत पाते हुए पाकिस्तानी नागरिक को रिहा करने के आदेश दिए है। जिसे निरस्त किया जाय। उसके खिलाफ जासूसी करने के कई सुबूत है।