दसवीं में पढ़ने वाली बेटी सुप्रिया (उम्र 15 साल) की हत्या को लेकर सोमवार को लोगों का गुस्सा भड़क गया। भीड़ ने एक संदिग्ध को दबोचकर सड़क पर बुरी तरह पीटा। यही नहीं हाजीपुर के महनार थाने के इंचार्ज ने संदिग्ध को भीड़ से छुड़ाकर खुद को और उसे एक दुकान में बंद कर लिया तो हजारों की भीड़ घंटों वहां घेराव कर खड़ी रही।
काफी मशक्कत और कई घंटे तक जूझने के बाद पुलिस ने किसी तरह संदिग्ध को अपनी हिरासत में लिया। इस दौरान भीड़ के गुस्से को देखते हुए एसपी मनीष ने सुप्रिया के पिता के साथ माइक से सम्बोधित कर किसी तरह लोगों को समझा-बुझाना शुरू किया। संदिग्ध को कब्जे में लेने के बाद पुलिस उसे अपने साथ ले गई।बताया जा रहा है इस संदिग्ध का घर घटनास्थल से कुछ दूरी पर ही है। घटना वाले दिन से ही वह गायब था। सोमवार को गुप्त सूचना के आधार पर थानेदार सादी वर्दी में उसे पकड़ने पहुंचे थे। उन्होंने सिपाहियों को कुछ दूरी पर छोड़ रखा था।
इसी दौरान संदिग्ध की नज़र पुलिस पर पड़ गई तो वह भागने लगा। पुलिस को देखते ही भाग रहे संदिग्ध को भीड़ ने दबोच लिया। इसके बाद सरेआम उसकी पिटाई शुरू कर दी। आरोपी को अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रहे थानाध्यक्ष से भी भीड़ की धक्का मुक्की हुई। इसमें थानाध्यक्ष को हल्की चोट भी आई है। भीड़ के गुस्से को देखते हुए थानाध्यक्ष ने खुद को आरोपी के साथ एक दुकान में बंद कर लिया। इसके बाद बाहर हजारों की भीड़ दुकान घेर कर खड़ी हो गई। सूचना पर समस्तीपुर के पटोरी थाने और वैशाली के कई थानों की पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई। माहौल अभी भी काफी तनावपूर्ण बना हुआ है।
गौरतलब है कि सुप्रिया रोज सुबह साढ़े चार से पांच बजे के बीच कोचिंग पढ़ने के लिए साइकिल से करनौती से 7 किमी दूर घटनास्थल वाले सुनसान रास्ते होते हुए पटोरी जाती थी। 14 सितंबर को भी वह सुबह साढ़े चार बजे घर से निकली थी लेकिन कोचिंग नहीं पहुंची। घर नहीं लौटने पर परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की।शाम को पहले फोन से फिर लिखित सूचना महनार थाना को दी, लेकिन पुलिस सक्रिय नहीं हुई। 15 सितंबर को 11 बजे दिन में एक महिला ने बरेठा बही चौर के पास पानी में अर्धनग्न अवस्था में एक लड़की की लाश उतराने की सूचना लोगों को दी। बाद में इस लाश की शिनाख्त सुप्रिया के रूप में हुई। घटना के कई दिन बाद तक हत्यारों की गिरफ्तारी न हो पाने के चलते लोग गुस्से में थे। मामले को लेकर आइसा ने आंदोलन की चेतावनी दी थी।
गुरुवार को पटोरी में हजारों छात्र-छात्राओं और बुद्धिजीवियों ने शहर के शहीद भगत सिंह चौक से शाहपुर पटोरी रेलवे स्टेशन तक कैंडल मार्च निकालकर मृत छात्रा को श्रद्धांजलि दी थी। मार्च में शामिल छात्र-छात्राओं और अन्य लोगों ने अपने हाथों में बैनर व तख्तियां ले रखी थीं। इन बैनरों-तख्तियों पर घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी और कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की गई थी। घटना के कारण पूरे पटोरी क्षेत्र के लोग मर्माहत हैं। मोहनपुर में भी कुछ युवकों ने कैंडल मार्च निकाला था। इस गुस्से के बीच सोमवार को संदिग्ध लोगों के हत्थे चढ़ गया तो उन्होंने उसे जमकर पीटा। मौके पर पुलिस पहुंची तो उस पर भी लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।