जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जातीय जनगणना का सभी वर्ग के लोगों को लाभ मिलेगा। जातीय जनगणना के बाद ऐसे लोग जो आरक्षण का ज्यादा लाभ ले रहे हैं, उन्हें चिह्नित किया जा सकेगा।
बिहार यात्रा पर निकले जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सबसे पहले जातीय जनगणना अंग्रेजी शासनकाल में ही साल 1931 में हुई थी। इसके बाद से इन्हीं आंकड़ों पर योजनाओं का क्रियांवयन हो रहा है। उन्होंने कहा कि 1931 और 2021 के हालात में काफी अंतर है। 1931 के आंकड़ों पर चल रही योजनाएं वर्तमान समय में सफल नहीं हो सकती है। इसके लिए जातीय जनगणना जरूरी है।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा संसदीय बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि जातीय जनगणना पूरी तरह से सही है। यही कारण है कि सभी दल जातीय जनगणना के समर्थन में हैं। उन्होंने बताया कि जातीय जनगणना और संगठन की मजबूती के लिए वह बिहार के दौरे पर हैं। इस दौरे पर कार्यकर्ताओं से जदयू को बिहार का नंबर वन पार्टी बनाने पर चर्चा की जा रही है।
बिहार के बाद अब यूपी में भी चुनाव लड़ने की तैयारी
कुशवाहा ने कहा कि बिहार में जदयू को जनता का पूरा समर्थन मिला है। जदयू सरकार में हर व्यक्ति तक योजनाएं पहुंच रही है। इसका नतीजा यह है कि जदयू आज बिहार में नंबर वन पार्टी है। बिहार के विकास के बाद अब जदयू यूपी की भी यात्रा करेगी। जदयू ने यूपी में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। पूरी कोशिश है कि बिहार की तरह ही भाजपा गठबंधन में चुनाव लड़ा जाए। अगर भाजपा के साथ गठबंधन नहीं हो सका तो जदयू अकेले भी चुनाव लड़ सकती है।