हरियाणा सरकार ने कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 44 से नाकाबंदी हटाने के लिए बुधवार को किसानों से वार्ता की खातिर एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया। किसान यहां केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में धरना दे रहे हैं। नाकाबंदी को लेकर सोनीपत के उपायुक्त (डीसी) ललित सिवाच की किसान प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने के एक दिन बाद यह कदम उठाया गया है। एक सरकारी बयान में मंगलवार को बताया गया कि उच्चतम न्यायालय ने एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए सोनीपत जिला प्रशासन से कहा है कि जनहित में आम लोगों को रास्ता मुहैया कराया जाए।
गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि बुधवार की शाम को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। उन्होंने कहा कि पिछले महीने के उच्चतम न्यायालय के आदेशों के परिप्रेक्ष्य में यह बैठक हुई। बैठक में मौजूद रहे विज ने बाद में संवाददाताओं से कहा,‘उच्चतम न्यायालय के आदेशों का अनुपालन करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।’ समिति के सदस्यों में डीजीपी, एडीजीपी (कानून-व्यवस्था) आदि शामिल होंगे।
उच्चतम न्यायालय ने रिट याचिका पर आदेश दिया
सोनीपत के डीसी ने मंगलवार को किसानों से कहा था कि उच्चतम न्यायालय ने नोएडा निवासी मोनिका अग्रवाल की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया है कि सोनीपत जिले में कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को आम आदमी को जाने का रास्ता देना चाहिए और सड़क के एक किनारे उन्हें चले जाना चाहिए। सरकारी बयान के मुताबिक, सिवाच ने कहा कि किसानों से सहयोग की उम्मीद की जाती है ताकि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन किया जा सके।