ब्रिटिश जर्नल ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी में प्रकाशित एक हालिया शोध के मुताबिक उम्र से संबंधित आंखों की बीमारी, मोतियाबिंद और मधुमेह से संबंधित नेत्र रोग डिमेंशिया (मनोभ्रंश) के बढ़ते जोखिम से जुड़े हैं। दृष्टि हानि मनोभ्रंश के पहले लक्षणों में से एक हो सकती है।
माना जाता है कि दृश्य संवेदी मार्गों की कम उत्तेजना डिमेंशिया के विकास को तेज करती है। कुछ अध्ययनों में यह पता चला है कि डिमेंशिया और नेत्र संबंधी स्थितियों के बीच एक सबंध हो सकता है, जो मोतियाबिंद, मधुमेह से संबंधित नेत्र रोग और ग्लूकोमा और याददाश्त में कमी का कारण बनता है।
उम्र के साथ बढ़ती हैं स्थितिः
इन नेत्र संबंधी स्थितियों के मामले उम्र के साथ बढ़ जाते हैं। जैसा कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, अवसाद और स्ट्रोक जैसी स्थितियां है और जो डिमेंशिया के लिए जोखिम कारक माने जाते हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि क्या ये नेत्र संबंधी स्थितियां इन स्थितियों से स्वतंत्र रूप से डिमेंशिया के जोखिम से जुड़ी हैं। इसकी जांच करने के लिए शोधकर्ताओं ने 55-73 वर्ष की आयु के 12,364 वयस्कों के डेटा का विश्लेषण किया।