दिल्ली से सटे गाजियाबाद स्थित लोनी के मंडोला में बुधवार को किसानों ने जमीनों के मुआवजे में वृद्धि सहित तीन कृषि कानूनों और कई अन्य मांगों को लेकर ‘भू-समाधि प्रदर्शन’ किया। अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत बुधवार को किसान नेता मनवीर तेवतिया समेत 17 किसान नेता जिंदा ही ‘भू समाधि’ लेने के लिए लोनी के मंडोला में पहुंचे थे। इस दौरान मनवीर तेवतिया ने कहा कि हम अपनी अंतिम सांस तक या जब तक सरकार हमारी बात नहीं सुनती तब तक समाधि में रहेंगे।
जानकारी के अनुसार, आंदोलन के केंद्र में लगभग 270 एकड़ वो जमीन है, जिसे यूपी हाउसिंग बोर्ड ने मंडोला विहार हाउसिंग स्कीम के तहत किसानों से अधिग्रहित किया था। किसान इस जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
गाजियाबाद के छह गांवों के किसानों ने बुधवार को पूर्व की घोषणा के चलते किसान नेता मनवीर तेवतिया के नेतृत्व में धरनास्थल आवास विकास कार्यालय के सामने जिंदा भू समाधि लेकर विरोध जताया। किसानों के इस विरोध प्रदर्शन को लेकर प्रशासन तनाव में दिखा। अधिकारियों ने किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन किसान पहले से खोदे गए गड्ढों में जाकर लेट गए।
किसानों ने 10 दिन पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एसडीएम लोनी शुभांगी शुक्ला को ज्ञापन सौंपकर किसानों की मांग पूरी करने का आग्रह किया था। प्रदर्शन को लेकर किसानों ने जिला प्रशासन को 14 सितंबर तक का समय दिया था।
बता दें कि मंगलवार को अपर जिलाधिकारी प्रशासन ऋतु सुहास ने हिंडन एयरफोर्स पुलिस चौकी पर किसान प्रतिनिधियों के साथ बातकर भू-समाधि न लेने को लेकर बात की थी, लेकिन बातचीत में संतोषजनक समाधान नहीं निकलने पर किसानों ने प्रशासनिक अधिकारियों का प्रस्ताव ठुकरा दिया था।
नोएडा में किसानों का धरना 15वें दिन भी जारी रहा
नोएडा में भी विभिन्न मांगों को लेकर किसानों का धरना बुधवार को लगातार 15वें दिन भी जारी रहा। आबादी निस्तारण, मुआवजा तथा 10 प्रतिशत के हिसाब से भूखंड आवंटन समेत विभिन्न मांगों को लेकर किसान हरौला के बारात घर में धरने पर बैठे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुई तो वे एक बार फिर नोएडा प्राधिकरण का घेराव करेंगे।
धरने की अगुवाई कर रहे किसान सुखबीर खलीफा ने बताया कि किसान पिछले 15 दिनों से हरौला के बारात घर में शांतिपूर्ण ढंग से धरने पर बैठे हुए हैं, लेकिन प्राधिकरण उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगे यदि जल्द पूरी नहीं हुई तो किसान एक बार फिर नोएडा प्राधिकरण का घेराव करेंगे।