अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने बताया है कि आतंकी संगठन अल-कायदा को अमेरिका पर हमले की योजना बनाने में एक या दो साल लगेंगे। यह रिपोर्ट ब्लूमबर्ग ने दो वरिष्ठ अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के हवाले से दी है। अधिकारियों ने बताया है कि काबुल पर तालिबान के कब्जे जे बाद से अफगानिस्तान में अल-कायदा की गतिविधियां बढ़ गई है। अगर यह किसी तरह का संकेत है तो आतंकी समूह एक या दो साल में फिर से मजबूत होकर हमला करने में सक्षम हो सकते हैं।
बता दें कि अल-कायदा नेता अयमान-अल-जवाहिरी जिसके मृत होने की अफवाह थी उसे अल-कायदा द्वारा किए गए 9/11 के हमले की 20वीं वर्षगांठ पर देखा गया था।
काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान को दुनिया में आतंक के अड्डे के तौर पर देखा जा रहा है। हालंकि तालिबान ने कई बार कहा है कि वह अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ नहीं इस्तेमाल होने देंगे लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को तालिबान के इस वादे पर भरोसा नहीं है क्योंकि तालिबान सरकार के कैबिनेट में कई प्रतिबंधित आतंकी मंत्री हैं।
डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल स्कॉट बेरियर ने बताया है कि मौजूदा हालात के हिसाब से अल-कायदा एक से दो साल में हमला करने में सक्षम है। ऐसे में हम हर स्रोत और पहुंच के तरीकों के बारे में सोच रहे हैं। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के उप निदेशक डेविड कोहेन ने एक से दो साल की समय-सीमा पर सहमति जताते हुए कहा है कि अल-कायदा ने अपनी गतिविधियां पहले ही शुरू कर दी हैं।