इजरायल अरब देशों से लगातार संबंधों को सुधारने में लगा हुआ है। इसी कड़ी में कोई भी इजरायली पीएम एक दशक बाद मिस्र पहुंचे हैं। इजरायली पीएम नफ्ताली बेनेट मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी से मुलाकात की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दौरे पर गाजा पट्टी में बढ़ते तनाव और नील नदी की सहायक नदी पर बने इथियोपियाई बांध को लेकर विस्तार से बातचीत हुई है और दोनों नेताओं ने संबंधों में गर्मजोशी के संकेत दिए हैं।
अरब देशों से बेहतर संबंध बना रहा इजरायल
अगस्त 2020 से आधिकारिक तौर पर इजरायल अरब देशों से बेहतर संबंध बनाने में लगा हुआ है। 13 अगस्त को संयुक्त अरब अमीरात और इजरायल ने आधिकारिक तौर ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद बहरीन से भी समझौता हुआ। अक्टूबर आते-आते सूडान और मोरक्को ने भी इजरायल से राजनयिक संबंध बनाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सऊदी अरब और इजरायल के बीच 22 नवंबर को बातचीत हुई थी लेकिन दोनों सरकारों ने इस बात का खंडन किया था। हालांकि एक्सपर्ट्स और रिपोर्ट्स बताते हैं कि तत्कालीन इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान मिले थे।
ईरान के कारण साथ आ रहे सऊदी और इजरायल?
कई एक्सपर्ट्स सऊदी और इजरायल को ऐसे भी देखते हैं कि सऊदी चाहता है कि उनके प्रभाव वाले देश पहले इजरायल से राजनयिक संबंध स्थापित कर लें और फिर सऊदी उन आख़िरी अरब देशों में से होना चाहता है जो इजरायल से आधिकारिक तौर पर संबंध बेहतर करने की दिशा में कदम उठाए।
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इजरायल और अरब देशों के बीच बेहतर हो रहे संबंधों के पीछे कई कारणों के बीच ईरान एक प्रमुख कारण है। सऊदी और ईरान के बीच लड़ाई जगजाहिर है। ईरान ने इजरायल को दुनिया के नक्शे से इजरायल को मिटाने की कसम खाई हुई है। ऐसे में दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है, कांसेप्ट सामने आता है।