भारतीय बॉर्डर से लगे शिनजियांग और तिब्बत के सुदूर क्षेत्रों तक चीनी सेना लगातार आवाजाही को आसान बनाने में लगी हुई है। इस क्षेत्र में चीनी सेना के वेस्टर्न थिएटर कमांड के पास जल्द ही 30 हवाई अड्डे होंगे। इनमें से कई अड्डे बनकर तैयार हैं और काम कर रहे हैं तो कुछ पर काम जारी है। यह जानकारी चीनी सरकारी मीडिया ने दी है।
बता दें कि वेस्टर्न थिएटर कमांड चीन की सबसे बड़ी सैन्य कमान है जो कि भारत के साथ विवादित सीमा की देखरेख करती है। चीनी सरकारी मीडिया ने 2021 के शुरुआत में बताया था कि तिब्बत में बन रहे तीन नए हवाई अड्डे भारतीय सीमा के नजदीक हैं। ये हवाई अड्डे लुंज़े काउंटी, टिंगरी काउंटी और बुरांग काउंटी में बन रहे हैं। रिपोर्ट्स बताती हैं कि पिछले कुछ महीनों में करीब दो दर्जन नए एयर रुट्स का उद्घाटन किया गया है जो कि तिब्बत और शिनजियांग के इलाकों को मेनलैंड चीन से जोड़ते हैं।
ताशकुरगन एयरपोर्ट मध्य 2022 तक होगा तैयार
रिपोर्ट्स बताती हैं कि चीन के लिए रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला हवाई अड्डा ताशकुरगन 2022 के मध्य तक तैयार हो सकता है। ताशकुरगन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और अफगानिस्तान-चीन सीमा के नजदीक पामीर प्लेटु पर बन रहा हवाई अड्डा है। ताशकुरगन इस क्षेत्र में चीन का आख़िरी महत्वपूर्ण शहर है। ताशकुरगन हवाई अड्डा रणनीतिक रूप से वखान कॉरिडोर के करीब होगा जो कि चीन और अफगानिस्तान के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर और ताजिकिस्तान को अलग करता है।
आपातकाल जरूरत को देखते हुए तैयार किए जा रहे एयरपोर्ट्स
लद्दाख में भारत के साथ जारी विवाद के बीच चीन बॉर्डर पर अपनी उपस्थिति रेलवे और एयरपोर्ट के जरिए बढ़ा रहा है। चीनी सेना के आधिकारिक सैन्य पोर्टल द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में हवाई अड्डों का विकास परिवहन को और अधिक सुविधाजनक बना रहा है।
रिपोर्ट में चीनी वेस्टर्न थिएटर कमांड के एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि शिनजियांग और तिब्बत क्षेत्र में करीब 30 हवाई अड्डे बनाए जा रहे हैं। उरुमकी, काशगर, ल्हासा, शिगात्से और अन्य शहरों से चीन ने 23 नए रूट खोले हैं। रिपोर्ट्स बताती हैं कि ये एयरपोर्ट्स नियमित उड़ानों के साथ ही आपातकाल जरूरत को देखते हुए तैयार किए जा रहे हैं।