अफगानिस्तान में तालिबान राज़ हो चुका है। पंजशीर प्रक्षेत्र पर कब्जे को लेकर तालिबान और विद्रोही गुट के बीच जंग चल रही है। तालिबान ने अब ‘पंजशीर के शेर’ के नाम से मशहूर अहमद शाह मसूद का मकबरा तोड़ दिया। अफगान रिबेल कमांडर अहमद साह मसूद को नॉर्दन अलायंस का संस्थापक भी माना जाता है। अहमद शाह मसूद की छवि अफगानिस्ता नें नेशनल हीरो की तरह है। स्थानीय मीडिया ने अहमद शाह मसूद का मकबरा तोड़े जाने को लेकर अफगानिस्तान में लोगों में गुस्सा है। अहमद शाह मसूद वही शख्स थे, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी तालिबान को कड़ी चुनौती दी थी। इतना ही नहीं, उनके समय में तालिबान तो क्या सोवियत सेना भी पंजशीर पर कब्जा नहीं कर सकी थी।
तालिबान ने बाजारख में अपने सबसे बड़े दुश्मन और अफगानिस्तान के हीरो अहमद शाह मसूद के मकबरे में तोड़फोड़ की है। आज अहमद शाह मसूद की हत्या की 20वीं बरसी भी है। अमेरिका में 9/11 हमले के ठीक दो दिन पहले यानी 9 सितंबर 2001 को अलकायदा ने अहमद शाह मसूद की हत्या कर दी थी। महमद शाह मसूद ताजिक समुदाय से ताल्लुकात रखने वाले सुन्नी मुसलमान थे। इंजीनियरिंग किए हुए अहमद शाह मसूद साम्यवाद के कट्टर आलोचक थे।
सोवियत सेना ने इन्हें पकड़ने के लिए पंजशीर में नौ बार अभियान भी चलाए, लेकिन किसी में भी उन्हें सफलता नहीं मिली। सोवियत सैनिक जो भी असलहे और गोला-बारूद मंगवाते थे उन्हें मसूद के लड़ाके बारूदी सुरंग बिछाकर उड़ा देते थे। सोवियत सेना को करारी शिकस्त देने के कारण अहमद शाह मसूद को पंजशीर का शेर की उपाधि दी गई। सोवियत सेना के जाने के बाद पेशावर समझौते के तहत अहमद शाह मसूद को 1992 में अफगानिस्तान का रक्षा मंत्री बनाया गया।
तालिबान ने हाल ही में दावा किया था कि उसने पंजशीर घाटी पर अपना कब्जा जमा लिया हैै। हालांकि, तालिबान का विरोध कर रहे अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद ने कहा है कि आखिरी सांस तक वो तालिबान के खिलाफ लड़ते रहेंगे। उन्होंने पंजशीर पर तालिबान के पूर्ण कब्जे से इनकार भी किया है।