महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना वायरस की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए मंगलवार को कहा कि राजनीतिक दलों को सार्वजनिक समारोहों से बचना चाहिए। ठाकरे मंगवाल को ठाणे जिले में कल्याण डोंबिवली नगर निगम की कई परियोजनाओं के उद्घाटन कार्यक्रम को वर्चुअल तरीके से संबोधित कर रहे थे।
केंद्रीय राज्य मंत्री और भाजपा नेता कपिल पाटिल भी दिल्ली से वर्चुअली कार्यक्रम में शामिल हुए। कल्याण के कुछ हिस्से उनके भिवंडी लोकसभा क्षेत्र में आते हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए शिवसेना सहित राजनीतिक दलों को सार्वजनिक समारोहों से बचना चाहिए।
‘हम धार्मिक मंदिरों के बजाय आरोग्य मंदिर खोलना पसंद करेंगे’
ठाकरे ने कहा कि हमें अनुशासन का पालन करके लोगों के लिए एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए। बता दें कि उद्धव ठाकरे शिवसेना प्रमुख भी हैं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि फिलहाल वह धार्मिक मंदिरों के बजाय आरोग्य मंदिर (स्वास्थ्य सुविधाएं) खोलना पसंद करेंगे। उद्धव ठाकरे के इस बयान को राज्य में बीजेपी की उस मांग से जोड़कर देखा जा रहा है जिसमें भगवा पार्टी ने मंदिरों को फिर से खोलने की मांग की थी।
मतभेद पर ठाकरे बोले- हम सभी जन सेवक है
वहीं, पाटिल की इस मांग पर कि इलाके की कुछ सड़कों की हालत खराब है, उन्हें बेहतर विकास और रखरखाव के लिए केंद्र सरकार को सौंप दिया जाएं, ठाकरे ने कहा कि उन्हें ऐसा करने में कोई आपत्ति नहीं है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमेशा राजनीतिक मतभेद होंगे लेकिन जब लोगों के लिए काम करने की बात आती है तो हम सभी जन सेवक हैं। ठाकरे ने केंद्रीय मंत्री पाटिल से कहा कि मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मैं आपके चुनाव प्रचार के दौरान एक साथ कल्याण में आए थे। जब शिवसेा और बीजेपी सहयोगी थी।