दिल्ली सरकार ने कोरोना (COVID-19) महामारी की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां तेज कर दी हैं। इन तैयारियों की निगरानी के लिए सरकार ने शुक्रवार को अपने 13 अस्पतालों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं।
इन नोडल अधिकारियों को अस्पतालों में बेड्स वृद्धि, आवश्यक मानव संसाधन की सोर्सिंग, ऑक्सीजन की आपूर्ति, पर्याप्त दवाओं की खरीद एवं भंडारण और इंजीनियरिंग कार्य यदि कोई हो सहित सभी तैयारियों की तुरंत निगरानी शुरू करने का निर्देश दिया गया है। वे लोक निर्माण विभाग (PWD) और संबंधित जिलाधिकारियों जैसी एजेंसियों के साथ भी समन्वय स्थापित करेंगे।
इन अस्पतालों में लोक नायक अस्पताल, गुरु तेग बहादुर अस्पताल, दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल, दीप चंद बंधु अस्पताल और बुराड़ी अस्पताल शामिल हैं।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 की आपात स्थिति के दौरान संबंधित नोडल अधिकारी उन्हें सौंपे गए कोविड-19 अस्पताल के समग्र प्रभारी होंगे और अस्पताल के कामकाज पर सामान्य अधीक्षण, निर्देश और नियंत्रण का प्रयोग करेंगे और अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक / प्रबंध निदेशक से संबंधित सभी निर्णयों की सहमति प्राप्त करेंगे।
अधिकारी उन्हें सौंपे गए अस्पताल में बैठेंगे और अपने कर्मचारियों को उनके मूल कार्यालय से COVID-19 की आपात स्थिति के दौरान उनकी सहायता करने के लिए कह सकते हैं। उनके नाम और फोन नंबर अस्पताल के प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित किए जाएंगे।
नोडल अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि अस्पतालों में एक मजबूत, कुशल और प्रभावी लोक शिकायत प्रणाली स्थापित की जाए। वे COVID-19 की आपात स्थितियों के दौरान अपने अस्पताल से संबंधित टेलीफोन लाइनों, कॉल सेंटर और शिकायत केंद्र के कुशल और प्रभावी संचालन के लिए जिम्मेदार होंगे।
तीसरी लहर को लेकर सीएम केजरीवाल भी कर चुके हैं आगाह
पिछले कई दिनों में दैनिक मामलों की संख्या में गिरावट के बावजूद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों को आगाह करते हुए कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका काफी अधिक है, हालांकि उनकी सरकार इससे निपटने के लिए युद्धस्तर पर तैयारी कर रही है। दिल्ली ने महामारी की भयंकर दूसरी लहर का सामना किया, जिसमें शहर के विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के कारण रोजाना बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई थी।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 19 अप्रैल के बाद से, दैनिक मामलों की संख्या और एक दिन में होने वाली मौतों की संख्या दोनों में वृद्धि होने लगी थी, 20 अप्रैल को 28,000 से अधिक मामले और 277 मौतें दर्ज की गईं, जबकि 22 अप्रैल को 306 मौतें हुई थीं। तीन मई को शहर में रिकॉर्ड 448 मौतें दर्ज की गई थीं। हालांकि, मामलों की संख्या में गिरावट देखी गई है और संक्रमण दर भी पिछले कई हफ्तों से कम हो रही है। पिछले कई दिनों से प्रतिदिन होने वाली मौतों की संख्या में भी गिरावट देखी जा रही है।