इंदौर में भीड़ की पिटाई का शिकार हुए और छेड़छाड़ के मामले में गिरफ्तार चूड़ी बेचने वाले की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। एक वकील ने बुधवार को यह जानकारी दी। सीनियर सरकारी अधिवक्ता संजय मीणा ने कहा कि 25 वर्षीय चूड़ी विक्रेता तस्लीम अली की अर्जी को मंगलवार को पॉक्सो कोर्ट के स्पेशल एडिशनल जज पावस श्रीवास्तव की कोर्ट ने खारिज कर दिया। 25 वर्षीय तस्लीम अली मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। तस्लीम अली को 23 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था, जब एक 13 वर्षीय बच्ची ने उसके खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी।
इसके अलावा तस्लीम अली के खिलाफ धोखाधड़ी का केस भी दर्ज किया गया है क्योंकि उसके पास दो आधार कार्ड बरामद किए गए थे। दोनों में ही उसका परिचय अलग-अलग था। इसके अलावा उसके पास से एक वोटर आईडी कार्ड भी पाया गया था। उसमें भी तस्लीम अली का नाम अलग था। पुलिस ने 23 अगस्त को उसे गिरफ्तार किया था और 24 तारीख को ही जेल भेज दिया था। कोर्ट में तस्लीम अली की जमानत का विरोध करते हुए पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वह यूपी का रहने वाला है। यदि उसे जमानत दे दी गई तो फिर उसके खिलाफ जांच करना मुश्किल होगा।
तस्लीम के वकील ने कहा, बेल के लिए हाई कोर्ट तक जाएंगे
तस्लीम के वकील एहतिशाम ने कहा, ‘हम तस्लीम की जमानत के लिए हाई कोर्ट जाएंगे। वह निर्दोष है और कुछ लोगों की नफरत का वह शिकार हुआ है।’ दरअसल 22 अगस्त को तस्लीम अली को इंदौर के गोविंद नगर इलाके में पीटे जाने का मामला सामने आया था। तब कहा जा रहा था कि कुछ लोगों ने उसका नाम पूछा और पिटाई कर दी। यह मामला सांप्रदायिक द्वेष का माना जा रहा था। लेकिन अगले ही दिन यह मामला तब पलट गया, जब तस्लीम पर अपनी पहचान को छिपाने और छेड़छाड़ का आरोप लगा था। खुद राज्य के होम मिनिस्टर नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि वह अपनी पहचान छिपा रहा था। उन्होंने कहा था कि आखिर किसी भी व्यक्ति को अलग-अलग पहचान की जरूरत क्या है।
पहले गिरफ्तार हुए 4 लोग, फिर कैसे अगले ही दिन पलटा मामला
तस्लीम ने पुलिस थाने में आरोप लगाया था कि कुछ लोगों ने उसकी पिटाई की और 10 हजार रुपये की कीमत की चूड़ियां भी छीन लीं। हालांकि तस्लीम की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया था बल्कि उसके 8 घंटे बाद भीड़ द्वारा प्रदर्शन करने पर दर्ज किया था। तब पुलिस ने 4 लोगों को तस्लीम की पिटाई करने, लूटपाट और सांप्रदायिक द्वेष फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। लेकिन अगले ही दिन छेड़छाड़ और पहचान छिपाने के आरोप लगने के बाद मामला पूरी तरह से पलट गया और खुद तस्लीम को ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।