अली मैसम नाजरी नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान (पंजशीर प्रतिरोध) के विदेशी मामलों के प्रमुख हैं। विऑन न्यूज़ चैनल से बात करते हुए उन्होंने भारत अफगानिस्तान संबंधों पर बातचीत की है। उन्होंने बताया है कि अफगानिस्तान में भारत की क्या भूमिका होनी चाहिए।
अली मैसम नाजरी ने बताया है कि हमारा मानना है कि भारत इस इलाके का एक महत्वपूर्ण देश है। भारत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। हमारा मानना है कि भारत के साथ आर्थिक संबंध होने चाहिए। भारत के लिए और भारत से मध्य एशिया के लिए ट्रेड रूट खुले। हम क्षेत्रीय संपर्क और क्षेत्रीय एकीकरण में यकीन रखते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस क्षेत्र में ट्रेड और इकॉनोमिक डेवलपमेंट को बढ़ावा देने में भारत की प्रमुख भूमिका है।
नाजरी ने भारत से संपर्क को लेकर बताया है कि हमने अभी तक कोई प्रतिनिधि या प्रतिनिधिमंडल या दिल्ली नहीं भेजा है। अभी की बात की जाए तो फिखाक ऐसी कोई योजना भी नहीं है। अभी हल हालात पर नजर रख रहे हैं। देखते हैं कि हालात किस तरह से सामने आ रहे हैं।
हिंदुकुश पहाड़ियों से घिरी पंजशीर घाटी तालिबानी विरोधी ताकत का केंद्र मानी जाती है। साल 1996 से 2001 तक तालिबान के शासन के दौरान भी पंजशीर घाटी उनके नियंत्रण में नहीं था। पंजशीर घाटी में नॉर्दर्न एलायंस ने तालिबान को लगातार कड़ी चुनौती दी है।
मौजूदा वक्त में अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह और अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद पंजशीर घाटी में हैं और तालिबान को चुनौती दे रहे हैं। हाल ही में अहमद मसूद ने तालिबान के साथ जाने के दावे को खारिज कर दिया है। मसूद ने कहा है कि वह अपने पिता के नक्शेकदम पर चलेगा और तालिबान के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेगा। उन्होंने कहा है कि, ‘मैं अहमद शाह मसूद का बेटा हूं। मेरी डिक्शनरी में सरेंडर जैसा कोई शब्द नहीं है।’