पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार जनता की गाढ़ी कमाई से बनी उस प्रापर्टी को भी बेंच रही है जिसे जनहित में कांग्रेस ने बचाकर रखा था। इसका सीधा असर रोजगार पर पड़ेगा और बेरोजगारी बढेगी।
सहाय ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो करोड़ लोगों को हर साल नौकरी देने का वायदा किया था तथा उसके हिसाब से 14 करोड़ बेरोजगारों को नौकरी मिल जानी चाहिए थी पर प्रधानमंत्री अपने ही द्वारा किये गए वायदे को पूरा नही कर पाए और अब मौद्रीकरण के नाम पर उल्टे नौकरी छीन रहे हैं। इसका सीधा असर यह भी होगा कि एससी, ओबीसी के रिजर्वेशन की गाइडलाइन ही ध्वस्त कर जाएगी।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री का मानना है कि इसका प्रतिकूल प्रभाव यह होगा कि महंगाई भी बढेगी और बेरोजगारी भी बढे। कांग्रेस नेता ने इस बात की आशंका व्यक्त की कि मौद्रीकरण से जो पैसा किराये से आएगा वह प्रधानमंत्री आवास (पीएम हाउस) बनाने में खर्च होगा या प्रधानमंत्री के लिए हवाई जहाज खरीदने में खर्च होगा। मौद्रीकरण से जनता को कोई लाभ मिलने वाला नहीं है। उन्होंने आरोप लगया कि भाजपा की केन्द्र सरकार ने आज तक एक धेला या एक कौड़ी इन्फ्रास्टक्चर बनाने में खर्च नहीं किया।
एक प्रश्न के उत्तर में पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने मोदी सरकार द्वारा लिये गये मौद्रीकरण को घाटे का सौदा बताया और कहा कि इसमें सरकार कम से कम 60 लाख करोड़ खर्च करेगी और इससे सरकार को मात्र डेढ लाख करोड़ रुपये ही किराया मिलेगा।