मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हरियाणा के करनाल में किसानों के साथ हिंसा की निंदा करते हुए मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार कृषि कानूनों को निरस्त कर किसानों से माफी मांगे। गहलोत ने ट्वीट किया,’ हरियाणा के करनाल में जिस तरह किसानों के साथ हिंसा की गई वह निंदनीय है। ऐसी क्रूर कार्रवाइयों से देशभर में किसानों को भड़काने का माहौल बनाया जा रहा है।’
उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री अलग-अलग तरह से बयान दे रहे हैं जिसका कोई अर्थ ही नहीं निकल रहा है। उन्होंने लिखा कि हरियाणा सरकार के अधिकारी किसानों पर हिंसात्मक कार्रवाई के निर्देश दे रहे हैं जिस पर पूरे देश में प्रतिक्रिया हो रही है लेकिन ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
गहलोत के अनुसार,’ मोदी सरकार किसानों के सब्र का इम्तिहान ना लेकर तुरंत कृषि कानूनों को निरस्त कर किसानों से माफी मांगे।’ उल्लेखनीय है कि अनेक जगह पर किसान केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।
दरअसल, शनिवार को हरियाणा पुलिस ने करनाल में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कथित रूप से लाठीचार्ज किया था। किसानों ने यहां कई सड़कों और राजमार्गों को रोक रखा था। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में आगामी नगरपालिका चुनावों को लेकर किसान भाजपा की बैठक का विरोध कर रहे थे। करनाल में राष्ट्रीय राजमार्ग को साफ करने और उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस द्वारा लाठीचार्ज से कई किसान घायल हो गए।
इधर, सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में, करनाल उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) आयुष सिन्हा शनिवार को पुलिसकर्मियों से हरियाणा के सीएम और राज्य के भाजपा नेताओं के विरोध में एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों का ‘सिर तोड़ने’ के लिए कह रहे थे। इस वीडियो के सामने आने के बाद से भी खूब हंगामा मचा हुआ है।