प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रविवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के मंत्री अनिल परब को तलब किया। इसको लेकर शिवसेना नेता संजय राउत ने बयान दिया है। उन्होंने कहा ”हमारे परिवहन मंत्री अनिल परब को ईडी की ओर से अचानक नोटिस मिला था। यह हमारे लिए कोई बड़ी बात नहीं है। यह डेथ वारंट नहीं है। यह हमारे लिए मेडल है। ईडी ने बेहतरीन अधिकारी को इसमें रखा है। इस तरह का पत्र राजनीति में काम करने वालों को आते रहते हैं।’
‘आप कितने भी पत्र भेजें, लाखों शिव सैनिक तैयार हैं’
उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार बहुत मजबूत है और भाजपा इसे नहीं तोड़ सकती। उन्होंने कहा “सरकार दो साल से सत्ता में है और अपना कार्यकाल पूरा करेगी। ये दीवार नहीं टूटेगी, आप कितनी भी कोशिश कर लें। हम प्रेम पत्र का स्वागत करते हैं। आप कितने भी पत्र भेजें, हमारे लाखों शिव सैनिक तैयार हैं।”
‘किसानों के खिलाफ कार्रवाई तालिबानी मानसिकता’
इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करते हुए राउत ने सोमवार को कहा कि हरियाणा के करनाल में किसानों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई एक तरह की तालिबानी मानसिकता है। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए राउत ने कहा, “किसानों पर हमला देश के लिए शर्मनाक घटना है। यह एक तरह की तालिबानी मानसिकता है। किसान दो साल से हरियाणा सीमा के गाजीपुर सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं… वे अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं।
किसानों की ‘मन की बात’ नहीं सुनती सरकार’
राउत ने आगे कहा एसडीएम ने किसानों का सिर फोड़ने का आदेश दिया और सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं है। यह सरकार कैसे कह सकती है कि यह गरीबों के लिए है और किसानों के लिए है? यह किसानों की ‘मन की बात’ भी नहीं सुनती है।” गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में, करनाल उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) आयुष सिन्हा शनिवार को पुलिसकर्मियों से हरियाणा के सीएम और राज्य के भाजपा नेताओं के विरोध में एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों का ‘सिर तोड़ने’ के लिए कह रहे थे। इस वीडियो के सामने आने के बाद से भी खूब हंगामा मचा हुआ है। शिवसेना सांसद की यह टिप्पणी शनिवार को हरियाणा के करनाल में पुलिस कार्रवाई के दौरान कई किसानों के घायल होने के बाद आई है। रविवार को लाठीचार्ज में घायल एक किसान की मौत भी हो गई थी।