तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता अपने हाथ में ले ली है। तमाम अफगान नागरिकों और वहां पर फंसे लोगों का जीवन संकट में है। लेकिन इसके साथ ही तालिबान से एक और बड़ा डर सताने लगा है। यह डर है कहीं तालिबान पाकिस्तान के पर परमाणु हथियारों पर कब्जा न कर ले। यह चिंता एक पूर्व ब्रिटिश कमांडर ने जताई। ब्रिटेन की सेना के इस पूर्व कमांडर ने सोमवार को दावा किया कि तालिबान बिना पाकिस्तान के समर्थन के अपना अभियान जारी नहीं रख सकता था। बिना इसके अफगानिस्तान में उसकी जीत भी संभव नहीं थी। ऐसे में चिंता इस बात की है कि कहीं जिहादी तत्व पाकिस्तान में परमाणु हथियारों पर नियंत्रण न हासिल कर लें ।
बिना पाकिस्तान के सपोर्ट के यह संभव नहीं था
ब्रिटिश सेना के पूर्व कमांडर कर्नल रिचर्ड केम्प यरुशलम स्थित गैर लाभकारी संगठन मीडिया सेंट्रल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने तालिबान को बनाया, तालिबान को पैसा दिया और तालिबान को समर्थन दिया। केम्प ने कहा कि तालिबान पाकिस्तान के बिना 20 साल तक कायम नहीं रह सकता था, या अपना अभियान नहीं चला सकता था, जिससे उसने जीत हासिल की है। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान के पड़ोस में ही जिहादी राज्य का कायम होना उसके लिए भी बड़ा खतरा होगा। बता दें कि केम्प ने अफगानिस्तान और इराक समेत दुनिया के संकटग्रस्त क्षेत्रों में सैनिकों की अगुवाई की है।
ईरान, चीन और रूस पर भी लगाए आरोप
ब्रिटिश सेना के पूर्व कमांडर ने कहा कि अफगानिस्तान में अभियान के दौरान या तालिबान की जीत के खतरे के बाद हमने कुछ सबसे बड़े खतरों पर विचार किया। इनमें पाकिस्तान में कुछ परमाणु हथियार केंद्रों पर उसके नियंत्रण की आशंका या उनतक पहुंच स्थापित हो पाना शामिल है। उन्होंने ईरान, चीन और रूस पर भी तालिबान को समर्थन देने का आरोप लगाया जबकि भारत को क्षेत्र में एक ऐसा संभावित देश बताया, जो अफगानिस्तान में रचनात्मक भूमिका निभा सकता है।