भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने सोमवार को गाजियाबाद के लोनी में हुई किसान महापंचायत में हिस्सा लिया। इस दौरान करनाल में किसानों पर हरियाणा पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज पर बोलते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों की आवाज को दबाने के लिए लाठियों का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन वह गलतफहमी में है। किसान डरने वाला नहीं है।
किसान नेता ने कहा कि अधिकारी होने के बाद भी आदेश दे रहा है कि सिर फूटे बिना कोई नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारी (करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा) का परिवार और वो खुद आरएसएस से जुड़े हैं। जान बूझकर किसानों का सिर फोड़ा गया, हड्डियां तोड़ी गईं।
इससे पहले भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए टिकैत ने सरकार की तुलना तालिबानियों से की थी। हरियाणा के नूंह जिले की अनाज मंडी में रविवार को हुई किसान महापंचायत में किसान नेता ने कहा था कि ‘सरकारी तालिबानी’ ने देश पर कब्जा कर लिया है।
टिकैत ने कहा था कि एक अधिकारी ने पुलिस कर्मियों को किसानों के सिर पर मारने का आदेश दिया। वे हमें खालिस्तानी कहते हैं। अगर आप हमें खालिस्तानी और पाकिस्तानी कहेंगे, तो हम कहेंगे कि ‘सरकारी तालिबान’ ने देश पर कब्जा कर लिया है। वे ‘सरकारी तालिबानी’ हैं।
उन्होंने कहा था कि किसानों का सिर फोड़ने की बात करने वाले अधिकारियों को नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात किया जाना चाहिए। वह आईएएस अधिकारी ‘सरकारी तालिबान’ के कमांडर हैं। पुलिस बल के माध्यम से वे पूरे देश पर कब्जा करना चाहते हैं।
गौरतलब है कि हरियाणा पुलिस ने शनिवार को करनाल में बस्तारा टोल प्लाजा के पास प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज किया था, जहां वे एक कार्यक्रम के विरोध में बड़ी संख्या में एकत्र हुए थे, जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर शामिल होने वाले थे।
लाठीचार्ज की घटना के बाद एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसे पीलीभीत के भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी ट्वीट किया था, जिसमें करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा को कथित तौर पर पुलिस कर्मियों को किसानों का सिर फोड़ने का निर्देश देते हुए देखा जा सकता है, ताकि उन्हें आगे बढ़ने और सुरक्षा घेरा तोड़ने से रोका जा सके।