दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के अधिकारियों ने कोविड-19 के लिए बनाए गए कार्यकारी मजिस्ट्रेट तथा सिविल डिफेंस के एक वालिंटियर को ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित एक होटल से 50 हजार रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। रिश्वत की रकम 50 हजार में से 25 हजार रुपये टॉयलेट पॉट में फ्लश कर दी गई थी। अधिकारियों ने इस रकम को पॉट से जब्त किया था। शाखा के अधिकारियों का कहना है कि कार्यकारी मजिस्ट्रेट ने एक स्पा मालिक से तीन लाख रुपये रिश्वत मांगी थी।
गिरफ्तार आरोपी रविंद्रर सिंह मेहरा तथा सिविल डिफेंस वालिंटियर इमरान खान है। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। रविंद्रर सिंह मेहरा पीतमपुरा स्थित केशव महाविद्यालय मेंसहायक के पद पर कार्यरत है, लेकिन कोविड-19 को लेकर डीडीएमए की तरफ से उसे दक्षिण-पूर्वी जिले का प्रवर्तन इंचार्ज नियुक्त किया गया था। इन दिनों मेहरा कार्यकारी मजिस्ट्रेट के तौर पर कार्य कर रहा था। उसके अधीन दुकानों के चालान करने में करीब 46 लोग अटैच हैं।
यह जानकारी देते हुए भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के स्पेशल सीपी सुनील गौतम ने बताया कि रविंद्र मेहरा के खिलाफ लाजपत नगर में सूत्रा स्पा के मालिक हिमांशु मलिक ने शिकायत की थी कि कोविड -19 टीम के कार्यकारी मजिस्ट्रेट धमकी दे रहे है कि वह उसके स्पा को सील कर देंगे, अगर उसने प्रतिमाह उन्हें एकमुश्त रिश्वत नहीं दी तो।
शिकायतकर्ता ने अधिकारियों को बताया कि कोविड नियमों और प्रोटोकॉल के तहत उसके पास स्पा का लाइसेंस है। कार्यकारी मजिस्ट्रेट ने उससे तीन लाख रुपये प्रतिमाह की रिश्वत की मांग की है, लेकिन बाद में वह एक लाख रुपये प्रतिमाह रिश्वत देने की बात मान गया। रिश्वत की पहली किश्त में एक लाख में से 50 हजार रुपये उसने बुधवार को ईस्ट ऑफ कैलाश सपना सिनेमा स्थित जेपीएम होटल में मंगाए थे। जब रविंद्रर सिंह मेहरा तथा इमरान खान रिश्वत की रकम 50 हजार रुपये ले रहे थे तो एसीबी की टीम के अधिकारियों ने उन्हें पकड़ लिया। लेकिन इस बीच आरोपियों ने 25 हजार रुपये टॉयलट में फेंक कर फ्लश दबा कर पानी में बहा दिये थे। बाद में रकम को जब्त कर लिया गया।