उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को कार्रवाई शुरू हो गई। सदन शुरू होने से पहले ही कांग्रेस विधायकों ने सरकार को घेरा। मांग की है कि नियम 310 के तहत हरिद्वार कुंभ में हुए कोविड जांच फर्जीवाड़ा में चर्चा की जाए। विपक्ष ने नियम 310 के तहत चर्चा करने की मांग को लेकर सदन में हंगामा भी किया। हंगामे को देख, नियम 58 के तहत कोविड जांच फर्जीवाड़े पर बाद में चर्चा होगी। वहीं दूसरी ओर, उत्तराखंड के लोगों को ओबीसी का दर्जा देने की मांग को लेकर मंगलवार को विधानसभा कूच किया गया।
धारचूला कांग्रेस विधायक हरीश धामी और केदारनाथ विधायक मनोज रावत सदन की कार्रवाई शुरूहोने से पहले ही धरने पर बैठ गए थे। धामी ने धारचूला विधानसभा क्षेत्र में विधायक निधि से मोबाइल टावर का बजट जारी होने के बाद भी टावर नहीं लगने से नाराज होकर धरना दिया। कहा कि क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क बहुत बड़ी समस्या है। जबकि, केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने चारधाम यात्रा खोलने को लेकर धरना दिया। मनोज रावत ने कहा कि चारधाम यात्रा से जुड़े लोगों के सामने आर्थिक का संकट पैदा हो गया है। रावत ने सरकार पर आरोप जड़ा कि सरकार कोर्ट में ठीक ढंग से पैरवी नहीं कर पा रही है।
मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार 24 अगस्त को विधानसभा में अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। इसके साथ ही सरकार सदन में छह अन्य विधेयक भी प्रस्तुत करेगी। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार को सदन में अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। विदित है कि सरकार ने कुछ दिन पूर्व हुई कैबिनेट की बैठक में पांच हजार करोड़ के करीब के अनुपूरक बजट को मंजूरी दी थी और अब मंगलवार को यह बजट प्रस्तुत किया जा रहा है। विदित है कि राज्य में अगले साल के शुरू में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार के अनुपूरक बजट को बेहद अहम माना जा रहा है।
माना जा रहा है कि सरकार इस अनुपूरक के जरिए चुनावों से पूर्व कुछ नई योजनाओं का ऐलान कर सकती है। साथ ही उन योजनाओं के लिए बजट की व्यवस्था भी हो सकती है। मंगलवार को अनुपूरक केवल सदन में रखा जाएगा और उस पर चर्चा आदि अगले दिनों में आयोजित होने की उम्मीद है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन का संचालन ठीक से हो इसके लिए सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष से भी सहयोग की अपील की गई है।
उत्तराखंड को ओबीसी का दर्जा देने के लिए विधानसभा कूच
उत्तराखंड के लोगों को ओबीसी का दर्जा देने की मांग को लेकर मंगलवार को विधानसभा कूच किया गया। कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष और वनाधिकार आंदोलन के प्रमुख किशोर उपाध्याय की अगुवाई में राज्य के मूलनिवासियों के हक-हकूक की अवाज उठाई गई। कूच को पुलिस ने रिस्पना पुल पर रोक लिया। इस दौरान किशोर उपाध्याय ने कहा कि तीन सूत्री मांगों को लेकर विधानसभा कूच किया गया। इसमें उत्तराखंड को ओबीसी प्रदेश घोषित किया जाए। वनों पर हमारे पुश्तैनी अधिकार और हक-हकूक बहाल किया जाएं। राज्य के लिए सख्त भू-कानून बनाया बनाने की मांग शामिल थी। प्रदर्शन को चिह्नित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति, कांग्रेस समेत कई दलों और संगठनों का समर्थन रहा।
सदन में विधेयक हुए पेश
कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार मंगलवार को सदन में अनुपूरक के अलावा छह विधेयक भी आए। इनमें उत्तराखंड नगर निकायों एवं प्राधिकरणों हेतु विशेष प्राविधान संशोधन विधेयक, उत्तराखंड फल पौधशाला विनियमन संशोधन विधेयक, हिमालयन गढ़वाल विवि संशोधन विधेयक, उत्तराखंड माल एवं सेवाकर संधोशन विधेयक, डीआईटी विवि संशोधन विधेयक और आईएमएस यूनिसन विवि संशोधन विधेयक शामिल हैं।
शनिवार को सतत विकास लक्ष्यों पर चर्चा
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि मानसून सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार के बाद शनिवार को सतत विकास लक्ष्यों पर एक दिन की चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कार्य मंत्रणा में इस प्रस्ताव को रखा था जिस पर सहमति जताई गई है। उन्होंने कहा कि सदन के एक दिन बाद इस चर्चा को कराने के पीछे मुख्य मकसद यह है कि सतत विकास लक्ष्यों पर रखी गई चर्चा के लिए विधायकों को दूर दराज से बाद में अलग से न आना पड़े। उन्होंने कहा कि उस दिन केवल चर्चा होगी और प्रश्नकाल व शून्यकाल आदि नहीं होंगे।