उत्तर प्रदेश के पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर लगातार सुर्खियों में हैं। सुप्रीम कोर्ट के बाहर महिला के आत्मदाह के प्रयास मामले में मंगलवार को वह जांच समिति के सामने पेश होने के लिए पहुंचे। पुलिस भर्ती बोर्ड के दफ्तर पहुंचे अमिताभ ठाकुर ने आरोप लगाया कि उन्हें और उनके परिवार को परेशान किया जा रहा है। जबसे उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा की है, तबसे उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। अमिताभ ठाकुर ने मानवाधिकार आयोग से इसकी शिकायत करते हुए उचित मुआवजा देने की भी मांग की है।
कहा कि उन्हें और उनके परिवार को मानसिक तौर पर सताया जा रहा है। वह और उनकी अधिवक्ता पत्नी डॉ.नूतन ठाकुर किसी भी तरह से सीएम के गृह जनपद गोरखपुर न पहुंच जाएं, इसी कोशिश के तहत उन्हें पिछले तीन दिन से हाउस अरेस्ट की स्थिति में रखा गया है। अमिताभ ठाकुर ने इस प्रकरण की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से की है। उन्होंने कहा कि उन्हें और उनकी पत्नी डॉ.नूतन ठाकुर को एक कथित सूचना के आधार पर लखनऊ पुलिस ने 21 अगस्त को गोरखपुर और अयोध्या की राजनैतिक यात्रा पर जाने से रोक दिया। उस दिन सुबह सात बजे उनके घर आईं एसीपी गोमतीनगर ने उन्हें और उनकी पत्नी को गोरखपुर में खतरा होने के नाम पर रोक लिया। इसके साथ उनके घर के सामने भारी पुलिस बल लगा दिया गया। उन्हें नजरबंदी जैसे हालात में रहने को मजबूर कर दिया गया। यहां तक कि उन्हें सुबह टहलने के लिए भी नहीं जाने दिया जा रहा है।
पूर्व आईपीएस ने कहा कि अगर उनकी जान को वाकई खतरा था तो प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए न कि उन्हें रोक देना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके आवास से 23 अगस्त की दोपहर अचानक पूरा पुलिस बल हट गया। इसके बाद से उन्हें कोई सुरक्षा नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे सरकार का असली मकसद साफ हो गया है। उन्होंने मानवाधिकार आयोग से इस मामले में जांच कर कार्यवाही के साथ ही समुचित मुआवजा की भी मांग की है। इसके अलावा भविष्य में ऐसा करने से रोकने के लिए सरकार को निर्देश देने और उन्हें उचित शासकीय सुरक्षा मुहैया कराने की भी बात कही है।