छत्तीसगढ़ में सत्ता में भागीदारी को लेकर फैली अफवाहों के बीच कांग्रेस हाईकमान ने सीएम भूपेश बघेल और मंत्री टीएस सिंह देव को तलब किया है। दोनों नेता मंगलवार को दिल्ली आकर केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात करेंगे। पूरे मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि मंगलवार को राज्य के प्रभारी पीएल पूनिया की लीडरशिप में यह मीटिंग होगी। भूपेश बघेल के करीबी एक नेता ने कहा, ‘सीएम की मीटिंग करीब एक महीने पहले ही तय हुई थी। यह रिव्यू मीटिंग है और इसमें निश्चित तौर पर पावर-शेयरिंग के फॉर्म्यूले पर भी बात की जाएगी। इस मीटिंग में भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव दोनों ही मौजूद रहेंगे।’
भूपेश बघेल और सिंह देव के बीच 17 जून से ही विवाद है। इस दिन ही भूपेश बघेल ने सीएम के तौर पर अपने ढाई साल पूरे किए थे। दरअसल दिसंबर 2018 में सत्ता में आई कांग्रेस में उस वक्त सीएम पद के दावेदारों में भूपेश बघेल के अलावा टीएस सिंह देव और ताम्रध्वज साहू भी थे। लेकिन भूपेश बघेल को ही सीएम बनाया गया। उस वक्त कहा गया था कि भूपेश बघेल को सीएम बनाने के साथ ही ढाई साल का करार हुआ है। पहले ढाई साल भूपेश बघेल सीएम रहेंगे और उसके बाद टीएस सिंह देव नेतृत्व संभालेंगे। हालांकि ये चर्चाएं ही थीं, इस पर पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर कभी कुछ नहीं कहा गया।
बघेल के ढाई साल पूरे होते ही छिड़ गया था विवाद
ये चर्चाएं 17 जून के बाद से फिर शुरू हुईं, जब भूपेश बघेल का ढाई साल का कार्यकाल पूरा हो गया। हालांकि इसके बाद भी भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव यही कहते रहे कि कांग्रेस हाईकमान की ओर से ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा। दोनों नेताओं का कहना है कि इस पर केंद्रीय नेतृत्व की ओर से जो भी आदेश होगा, वे उसे मानेंगे। यही नहीं मंगलवार को होने वाली मीटिंग के संबंध में टीएस सिंह देव से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में आपको पीएल पूनिया जी से पूछना चाहिए। वह सही व्यक्ति हैं। वहीं पीएल पूनिया की ओर से इस संबंध में अब तक कुछ कहा नहीं गया है।
नजरअंदाज किए जाने के चलते भी नाराज हैं टीएस सिंह देव
यही नहीं इस महीने की शुरुआत में भी टीएस सिंह देव दिल्ली आए थे और सीनियर नेताओं से मुलाकात की थी। हालांकि जब सीएम पद को लेकर पूछा गया तो उनका कहना था कि ऐसा कुछ नहीं था। मैं पर्सनल विजिट पर आया था। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सीएम पद के अलावा भूपेश बघेल की ओर से अहम फैसलों में टीएस सिंह देव को नजरअंदाज किए जाने के चलते भी विवाद बढ़ा है। बीते 16 महीनों में कोरोना को लेकर कई मीटिंग हुई हैं, लेकिन उनमें भी टीएस सिंह देव को किनारे ही रखा गया। कहा जा रहा है कि इसके चलते भी दोनों के बीच विवाद बढ़ा है।