मेरठ के मवाना के मोहल्ला मुन्नालाल में हुए विवाद के दौरान तीन लोगों को मुकदमे में फर्जी नामजद किया गया। फर्जी नामजदगी के खिलाफ बिरादरी के लोगों ने हंगामा किया और धरना देकर बैठ गए। हिंदू संगठन पदाधिकारियों पर भी अभद्रता व जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल का आरोप लगाया।
पीड़ित परिवारों ने सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन का ऐलान कर दिया तो इसके बाद हड़कंप मच गया। पुलिस प्रशासन को तीन दिन में कार्रवाई के लिए समय दिया गया है। मवाना के मोहल्ला मुन्नालाल में तीन दिन पहले दो पक्षों के बीच बच्चों की कहासुनी के बाद विवाद हो गया था। इस दौरान दलित पक्ष के अर्जुन, मोनू जाटव व अंकित जाटव समेत दर्जनभर लोगों के खिलाफ दूसरे पक्ष ने मुकदमा दर्ज करा दिया।
इसकी जानकारी पर एक पक्ष के लोगों ने विरोध किया और मुकदमे में फर्जी नामजदगी का आरोप लगाया। अर्जुन, मोनू और अंकित जाटव तीनों ही एक हिंदू संगठन के सदस्य हैं। इसलिए उन्होंने अपने पदाधिकारियों से फोन पर बात करने और प्रकरण जानकारी में लाने का प्रयास किया।
पीड़ित पक्ष का आरोप है कि उनके साथ संगठन पदाधिकारियों ने अभद्रता और गाली गलौज की। इसी से क्षुब्ध होकर पीड़ित कार्यकर्ताओं ने अपने समाज के लोगों के साथ मोहल्ले के मंदिर में धरना दिया। इस दौरान 100 से ज्यादा लोगों ने सामूहिक धर्म परिवर्तन की धमकी दे डाली।
इसके बाद पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया। बाद में सभी परिवारों ने पुलिस-प्रशासन को चेतावनी दी और तीन दिन का समय दिया है। कहा गया कि तीन दिन में फर्जी नामजदगी नहीं हटाई तो सभी लोग धर्म परिवर्तन कर लेंगे। इस मौके पर अर्जुन सिंह, मोनू जाटव, आदेश, राधा, राहुल, सतीश, महेंद्र, बबली, आरती, सोनिया, शिवानी समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे। वहीं दूसरी ओर, हिंदू संगठन पदाधिकारियों ने मामले की जानकारी से इनकार किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि किसी कार्यकर्ता से कोई अभद्रता नहीं की गई है।