जंतर मंतर पर समुदाय विशेष के लिए कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में अदालत ने दो आरोपियों से पूछताछ के लिए एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। हालांकि अदालत ने इस मामले में भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय सहित चार अन्य आरोपियों को दो दिन की न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेज दिया है।
ड्यूटी मजिस्ट्रेट तानवी खुराना ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई आरोपियों की पेशी के दौरान सभी पक्षों को सुनने के बाद यह आदेश दिया है। उन्होंने इसके साथ भाजपा नेता व पेशे के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की जमानत अर्जी पर दिल्ली पुलिस को विस्तृत जवाब देने को कहा है। आरोपी की जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी।
इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आरोपियों को अदालत में पेश किया। साथ ही, अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव के जरिए अर्जी दाखिल कर आरोपी दीपक सिंह हिंदू और विनीत बाजपेयी को पूछताछ के लिए तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजने की मांग की।
वहीं आरोपी अश्विनी उपाध्याय सहित चार आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेजन की अदालत से गुहार लगाई। मामले की सुनवाई शुरू होते की आरोपियों ने गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें अब तक पुलिस ने दर्ज प्राथमिकी (एफआईआर) की कॉपी नहीं दी है।
इस पर पुलिस की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक श्रीवास्ताव ने कहा कि मामला काफी संवेदनशील है, इसलिए आरोपियों को एफआईआर की प्रति नहीं दी है। हालांकि अदालत ने उन्हें इसके तथ्य को पढ़ने का निर्देश दिया। उन्होंने दो आरोपियों को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजने की मांग करते हुए कहा कि पूछताछ करके भड़काऊ भाषण के पीछे का मकसद, इसके ट्रेंड के साथ-साथ यह पता लगाना है कि इसके लिए धन कहां से मुहैया कराया जा रहा है।
पुलिस ने अदालत को बताया कि संसद का सत्र चल रहा है, स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारी चल रही है और इसके अलावा महामारी के चलते किसी को भी धरने प्रदर्शन की इजाजत नहीं है, इसके बावजूद यह लोग बिना इजाजत के जंतर-मंतर पर जमा हुए और समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक भाषण देकर माहौल खराब करने का प्रयास किया है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी दीकप सिंह और विनीत बाजपेयी को एक दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।
भाजपा नेता की जमानत अर्जी पर जवाब मांगा
अदालत ने मामले में आरोपी भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की जमानत याचिका पर पुलिस को विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा। इससे पहले पुलिस ने उपाध्याय सहित मामले के 4 आरोपियों को न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेज दिया। उपाध्याय की ओर से अधिवक्ता ने जमानत की मांग करते हुए कहा कि जब कथित भड़काऊ भाषण हुआ, उस वक्त उनका मुवक्किल मौके पर नहीं था और भड़काऊ भाषण के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
वकील ने गिरफ्तारी को गैर कानूनी बताते हुए कहा कि उनका मुवक्किल इस तरह के भाषण के लिए जिम्मेदार नहीं है। दूसरी तरफ पुलिस ने कहा कि आरोपी उपाध्याय को जमानत दिया गया तो वे साक्ष्यों से नष्ट कर सकते हैं। इसके साथ ही पुलिस ने विस्तृत जवाब देने के लिए समय मांगा। इस पर अदालत ने कहा कि रात के 8:50 हो चुके हैं और मामले में विस्तार से सुनवाई की जरूरत है। लिहाजा उपाध्याय सहित चार आरोपियों को 2 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया जाता है।