पुलिस और पीएसी की मौजूदगी में डासना के देवी मंदिर में रात करीब साढ़े तीन बजे अज्ञात हमलावरों ने दो साधुओं पर धारदार हथियार (पेपर कटर) से जानलेवा हमला कर दिया। इसमें एक साधु की गंभीर रूप से घायल है। घायल साधु ने हमलावरों को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह भाग गए।
शोर होने के बाद भी पुलिस व पीएसी जवानों की नींद नहीं खुली। जबकि घायल साधु ने पुलिसकर्मियों को जगाया। फिर उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया। इस घटना से पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया और डासना क्षेत्र में सनसनी फैल गई। वहीं, मंदिर के महंत का कहना है कि पुलिस प्रशासन की लापरवाही के कारण मंदिर परिसर में इस तरह का हमला हुआ है।
महंत का दावा है कि हमलावर उन्हें जान से मारने आए थे। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। मसूरी थाना क्षेत्र के डासना स्थित देवी मंदिर हमेशा सुर्खियों में रहात है। इस कारण यहां हर समय पुलिस की गारद, पीएसी जवान और मसूरी थाने के पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए मौजूद रहते हैं।
इसके बाद भी मंदिर में दो साधुओं पर जानलेवा हमला कर उनमें से एक को घायल कर दिया। मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली के जंतर मंतर पर आठ अगस्त को हुए एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कई साधु संत आए थे। कार्यक्रम में भाग लेकर इनमें से कुछ साधु संत डासना के देवी मंदिर महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती से मिलने आ गए। जहां उन्होंने विश्राम कर आगे जाना तय किया। यह साधु संत मंदिर परिसर के एक कमरे में ठहरे हुए थे।
सोमवार रात इनमें से दो साधु कमरे के बाहर तख्त पर सो गए। मंगलवार सुबह तड़के करीब साढ़े तीन बजे हमलावरों ने इन दोनों साधुओं पर धारदार हथियार से जानलेवा हमला कर दिया। जिन दो साधुओं पर हमला हुआ उनमें से एक साधु प्रयागराज के कौशांबी से आए मनोज ने बताया कि वह स्वामी नरेशानंद के बगल में चादर ओढकर सो रहे थे। अचानक से उनपर किसी ने हमला किया, लेकिन हमलावर का हथियार (पेपर कटर) टूट गया और वह चिल्लाने लगे।
इतने में खून से लथपत स्वामी नरेशानंद हमलावरों के पीछे भागे, लेकिन वह अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए। शोरशराबा होने के कारण कमरे में सो रहे अन्य साधु संत भी बाहर आ गए, लेकिन हमला होने वाले स्थान से करीब 50 कदम की दूरी पर मौजूद पुलिसर्मियों की नींद नहीं खुली। फिर घायल स्वामी नरेशानंद ने पुलिसकर्मियों को जगाया और हमले की सूचना दी। इसपर उन्हें तुरंत निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
हालांकि दूसरे साधु को कोई चोट नहीं आई है। इस घटना से पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया और पुलिस अधिकारियों पर कोई जवाब नहीं बना। हर कोई उनसे सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुई इस घटना में लापरवाही के बारे में पूछ रहा है।
घायल साधु पर किए दो वार
रात को मौके पर मौजूद साधुओें ने बताया कि बिहार स्थित समस्तीपुर के रहने वाले स्वामी नरेशानंद सरस्वती (58 वर्ष) पर हमलावरों ने दो वार किए। उनकी गर्दन और पेट पर धारदार हथियार से हमला किया, इस हमले से लगता है कि वह उन्हें जान से मारना चाहते थे। इस हमले में वह पूरी तरह लहूलुहान हो गए। हालांकि उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और हमलावरों को पकड़ने का भी प्रयास किया, लेकिन वह भाग गए।
मंदिर का सीसीटीवी बंद, पुलिस ने डीवीआर कब्जे में ली
पिछले दिनों मंदिर के महंत यति नरसिहानंद सरस्वती को जान से मारने की धमकी मिल चुकी है। इसके अलावा कई मामलों में मंदिर सुर्खियों में रहा है। इस कारण ही पुलिस ने वहां सुरक्षा व्यवस्था का बंदौबस्त किया हुआ है। इस सबके बाद भी मंदिर के सीसीटीवी खराब पड़े हैं। हालांकि पुलिस ने मंदिर के सीसीटीवी की डीवीआर अपने कब्जे में ले ली है। लेकिन अधिकारियों का कहना है कि यह उनके लिए बेकार है क्योंकि कैमरे चल ही नहीं रहे हैं।
लापरवाह पुलिसकर्मियों पर गिरेगी जाग
जिले की सुरक्षा व्यवस्था का दावा करने वाली पुलिस एक मंदिर की सुरक्षा भी नहीं कर पाई है। यहां पुलिस व पीएसी जवान तैनात होने के बाद भी साधुओं पर जानलेवा हमले की वारदात ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। ऐसे में पूरे जिले में सुरक्षा व्यवस्था का दावा करने वाली पुलिस के सामने इस मामले को खोलना बड़ी चुनौती होगा। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मंदिर में तैनात पुलिसकर्मियों की लापरवाही पाई जाती है तो उनपर कार्यवाही की जाएगी।
दस मिनट बाद महंत व सेवादारों को मिली सूचना
मिली जानकारी के अनुसार, हमलावर साधु पर हमला करके भाग गए। ऐसे में बाहर से आए साधु सन्यासियों को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें। फिर घायल साधु ने ही पुलिस को उठाकर इसकी सूचना दी। शोरशराबा होने पर मंदिर में मौजूद सेवादारों की नींद खुली तो वह मौके पर आए। फिर जाकर करीब दस मिनट बाद महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती को उठाकर घटना की सूचना दी।
एसपी देहात ईराज राजा ने कहा, ‘पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। मंदिर से सीसीटीवी की डीवीआर जब्त की है, लेकिन वह खराब है। आसपास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी देखे जा रहे हैं। वहीं, लापरवाही पाए जाने वाले पुलिसकर्मियों पर भी कार्यवाही की जाएगी।’
डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा, ‘हमलावर मुझपर हमला करने आए थे। साधु का वेश मेरे जैसा ही है। ऐसे में धोखे में हमलावरों ने साधु पर हमला कर दिया। हमने मामले में तहरीर दे दी है।’