यूपी की सबसे बड़ी डिफॉल्टर कंपनी श्रीलक्ष्मी कॉटसिन में 12 घंटे की जांच के बाद सीबीआई की टीमें लौट गईं। इस दौरान नौ ठिकानों से 2200 से ज्यादा दस्तावेज सीज किए गए हैं। तीन निदेशकों से सात घंटे तक पूछताछ की गई। अब कंपनी के सीएमडी डॉ. एमपी अग्रवाल से दिल्ली में ही सीबीआई जवाब तलब करेगी। कंपनी पर 6833.82 करोड़ रुपए के फ्रॉड की एफआईआर दर्ज की गई है।
45 अफसरों ने एक साथ मारा छापा:
शनिवार सुबह डिफेंस और टेक्सटाइल सेक्टर की बड़ी कंपनी श्री लक्ष्मी कॉटसिन के नौ ठिकानों पर सीबीआई के 45 अफसरों ने छापे मारे थे। कानपुर में कृष्णापुरम स्थित मुख्यालय, नोएडा, रुड़की, फतेहपुर में कार्रवाई की गई। हालांकि इस दौरान एमपी अग्रवाल नहीं मिले। पता चला कि वह पत्नी का इलाज कराने के लिए दिल्ली के एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल में हैं। इस पर सीबीआई अफसरों ने उनके बेटे पवन अग्रवाल, शारदा अग्रवाल और देवेश नारायण गुप्ता से पूछताछ की। उनसे कंपनी की माली हालत के बारे में पूछा गया। बैंकों से ली गई रकम के ट्रांसफर, लोन डायवर्जन, कागजी ग्राहकों की सच्चाई के बारे में सवाल किए गए।
कर्मचारियों से भी पूछताछ:
अन्य आठ टीमों ने विभिन्न ऑफिसों, बंद फैक्टरियों और गोदामों में कर्मचारियों से दर्जनों सवाल पूछे। इस दौरान सीज किए गए 2200 दस्तावेजों में काफी संवेदनशील जानकारियां मिली हैं। कम्प्यूटरों की हार्डडिस्क, सीसीटीवी फुटेज, रिकॉर्ड बुक और लैपटॉप भी सीज किए गए हैं। पिछले 12 साल की बैलेंसशीट के लिए कंपनी सचिव से भी पूछताछ की गई। ऑडिट करने वाली फर्म के संचालकों को भी बुलाकर सवाल पूछे गए।
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई जल्द इस बड़े घोटाले में गिरफ्तारी कर सकती है। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के अलावा कंपनी से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों की पूरी सूची सीबीआई अधिकारियों ने ली है। किस सीट पर बैठे किस अफसर की कितनी भूमिका थी, इसका पूरा ब्योरा जुटा लिया गया है। दिल्ली में कंपनी के सीएमडी से पूछताछ के बाद गिरफ्तारी की प्रक्रिया की जा सकती है। सोमवार को सेंट्रल बैंक के अलावा कंसोर्टियम में शामिल 23 बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों से दस्तावेज मांगने के साथ-साथ अगले चरण की पूछताछ की जाएगी।