दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली में 9 साल की बच्ची से कथित बलात्कार और हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को सभी आरोपियों की 3 दिन की रिमांड दी। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पटियाला हाउस कोर्ट स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आशुतोष कुमार की अदालत में आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया। जहां से उन्हें तीन दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया गया। इससे पहले ये आरोपी न्यायकि हिरासत में थे। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अदालत में याचिका दायर कर आरोपियों को पांच दिन की रिमांड पर देने का आग्रह किया था। क्राइम ब्रांच का कहना था कि आरोपियों का सामना गवाहों से कराना है और साक्ष्य जुटाने हैं। साथ ही घटनाक्रम को रिक्रिएट कर देखा जाएगा। इस पर अदालत ने कहा कि इसके लिए तीन दिन का समय पर्याप्त है।
वहीं, पीड़ित परिवार के वकील जितेन्द्र कुमार झा एवं सुरेश कुमार चौधरी ने अदालत में कहा कि पीड़ित परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है। यहां तक कि पुलिस की तरफ से उन्हें अभी तक एफआईआर की कॉपी तक नहीं दी गई है। इतना ही नहीं स्थानीय पुलिस ने इस मामले की जांच बेहद खराब तरीके से की है। हालांकि, अब मामला क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है, उन्हें उम्मीद है कि इस मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से होगी। पीड़ित परिवार के वकीलों ने मांग की कि मृतका के परिजनों व गवाहों को सुरक्षा प्रदान की जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि वह संबंधित अधिकारियों से भी अलग से इसकी मांग करेंगे।
गौरतलब है कि 1 अगस्त को दिल्ली कैंट इलाके के पास ओल्ड नांगल गांव के श्मशान घाट के एक पुजारी और तीन कर्मचारियों द्वारा एक नौ वर्षीय लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। दिल्ली पुलिस ने नाबालिग बच्ची की मां के बयान के आधार पर चार आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। महिला ने आरोप लगाया था कि रविवार 1 अगस्त को उनकी बेटी के साथ बलात्कार करने के बाद हत्या कर दी गई और उनकी सहमति के बिना उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
आरोपी व्यक्तियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302, 376 और 506 के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) कानून और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने इससे पहले 5 अगस्त को दिल्ली के ओल्ड नांगल में हुए नाबालिग बलात्कार मामले में जिला मजिस्ट्रेट से 48 घंटे के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने को कहा था। आयोग ने कहा कि उसने बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम, 2005 की धारा 13 (1) (जे) के तहत उक्त मामले का संज्ञान लिया है।