काकोरी शहीद स्मारक के आयोजन को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार का ढोंग करार देते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्वतंत्रता संग्राम में कोई भूमिका नहीं थी।
अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि भाजपा और उसके मूल संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वतंत्रता आंदोलन में कोई सम्बंध नहीं था। काकोरी शहीद स्मारक का आयोजन भाजपा का ढोंग है। भाजपाईयों ने कभी शहादत नहीं दी, वो शहीदों का सम्मान करना क्या जानें। भाजपा सामाजिक सछ्वाव के खिलाफ काम करती है। अंग्रेजों की तरह भाजपा की कोशिश समाज का विघटन करने की रहती है। इससे सतर्क रहने की आवश्यकता है।
अगस्त क्रांति दिवस के मौके पर उन्होने कहा कि नौ अगस्त 1942 को महात्मा गांधी के आव्हान पर अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत हुई थी। गांधी जी ने इस मौके पर करो या मरो का मंत्र दिया था। उन्होंने हर हिन्दुस्तानी से यह भी कहा था कि वह अपने को आजाद समझे। यह ऐसा आंदोलन था जिसमें देश का हर वर्ग स्वत: स्फूर्त सक्रिय था। समाजवादी विचारधारा के नेता श्री जयप्रकाश नारायण, डॉ. राममनोहर लोहिया, अरुणा आसिफ अली आदि ने आंदोलन का नेतृत्व सम्हाला था।
उन्होने कहा कि अगस्त क्रांति के शहीदों का सपना देश में किसान, मजदूर और युवाओं का राज स्थापित करना था। जिससे सभी को हक व सम्मान का जीवन हासिल हो सके। इस सपने को साकार करने की जिम्मेदारी समाजवादी पार्टी की है। जिस तरह समाजवादियों ने अगस्त क्रांति, जेपी आंदोलन के दौरान अग्रणी भूमिका अदा की थी उसी तरह आज भी उस परम्परा को आगे बढ़ाते हुए समाजवादी भी एकजुट होकर संवैधानिक मूल्यों को बचाने तथा उन्हें पुन: स्थापित करने की ऐतिहासिक भूमिका का निर्वहन करेंगे।
अखिलेश यादव ने कहा कि आज देश में दो तरह की विचारधाराओं में टकराव है। एक तरफ लोकतंत्र है तो दूसरी तरफ अपने को सवोर्परि दिखाने की सत्ता लिप्सा। इसमें तय करना है कि हमें किधर जाना है। आज देश के समक्ष जो समस्याएं और चुनौतियां हैं उनके समाधान का रास्ता सिर्फ समाजवादी विचारधारा के पास ही है।