गोरखपुर यूनिवर्सिटी में छात्रा प्रियंका कुमारी की मौत मामले में पुलिस ने मोबाइल कॉल डिटेल के सहारे छानबीन तेज कर दी है। कॉल डिटेल की मदद से पुलिस मौत की वजह तलाश रही है। कुछ लोगों से पूछताछ भी की गई है। खबर है कि कई बार बातचीत करने वाले एक करीबी से पूछताछ हो सकती है। यह तब होगा, जब पुलिस सीन री-क्रिएट करा लेगी। पुलिस का तर्क है वह किसी को सवाल उठने का मौका नहीं देना चाहती है।
जानकारी के मुताबिक, छात्रा का दुपट्टे से लटकता शव यूनिवर्सिटी के गृह विज्ञान विभाग के स्टोर रूम में मिलने के बाद से ही रोजाना इस मामले में तरह तरह के मोड़ आ रहे हैं। पहले दिन पुलिस ने खुदकुशी की आशंका जताई तो अगले ही दिन भाजपा के नगर विधायक डॉ. आरएमडी अग्रवाल छात्रा के घर पहुंचकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से हत्या किए जाने का दावा कर दिया। इसके बाद ही पिता ने हत्या का केस दर्ज कराया है। जो भी साक्ष्य मिले हैं उस हिसाब से पुलिस छात्रा के खुदकुशी का दावा कर रही है। मगर परिजन हत्या की वजह नहीं बता पा रहे हैं तो पुलिस खुदकुशी की।
यही वजह है कि पुलिस ने जांच तेज कर दी है। पुलिस को अभी फोरेंसिक जांच रिपोर्ट भी नहीं मिली है। बहरहाल, मामले को खुदकुशी मानकर पुलिस वजह की तलाश कर रही है। इसके साक्ष्य मिले तो दर्ज हत्या के केस को खुदकुशी के लिए उकसाने की धारा में तब्दील करके आगे की कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि मौत की दूसरी वजहों पर भी जांच जारी है। एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु का कहना है कि मामले की छानबीन जारी है, जल्द ही मौत की वजह साफ हो जाएगी।
छात्र नेताओं का आरोप- घर पर दबिश दे रही पुलिस
उधर, इस मामले को लेकर छात्र संघ और विश्वविद्यालय छात्रों का रोष बढ़ता ही जा रहा है। परिजन जहां दो दिनों के दौरे पर गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं छात्र नेताओं का आरोप है कि पुलिस उन्हें इस मामले में चुप रहने के लिए प्रताड़ित कर रही है। एक नहीं बल्कि कई छात्र नेताओं के घर पुलिस लगातार दबिश दे रही है। जबकि छात्र नेता शिवशंकर गौड़ का आरोप है कि पुलिस ने उसे पकड़ भी लिया था, हालांकि बाद में छोड़ दिया। लिहाजा इस मामले को लेकर छात्र नेता बिना अपराध के फरारी काटते फिर रहे हैं।