पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के तीन महीने बीत जाने के बाद भी शायद हिंसा का दौर थमा नहीं है। राज्य के दो अलग-अलग इलाकों में बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं के शव मिले हैं। मंगलवार को इन शवों को मिलने के बाद बीजेपी ने टीएमसी पर हमला बोला है। भगवा दल का कहना है कि टीएमसी की ओर से संरक्षण प्राप्त गुंडों ने उसके कार्यकर्ताओं की हत्या की है। वहीं टीएमसी ने इन आरोपों को खारिज किया है। पुलिस का कहना है कि बीजेपी कार्यकर्ता इंद्रजीत सूत्रधार का शव कमरे की छत से लटका हुआ मिला। उनके दोनों हाथ पीछे से बंधे हुए थे। बीजेपी कार्यकर्ता इंद्रजीत का शव जिस इमारत से मिला है, वह लंबे समय से खाली पड़ी है।
बीरभूम जिले के खोइरासोल इलाके में मिले शव के बाद से सनसनी फैल गई है और राजनीतिक तनाव के हालात पैदा हो गए हैं। पुलिस का कहना है कि इंद्रजीत सूत्रधार का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। उसकी रिपोर्ट सामने आने के बाद ही मौत के कारण की जानकारी मिल सकेगी। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पहली नजर में यह मामला हत्या का ही लग रहा है। लेकिन हत्या कैसे हुई और किन हालातों में हुई है, इसका पता जांच के बाद ही चल सकेगा। स्थानीय बीजेपी नेताओं का कहना है कि टीएमसी की ओर से संरक्षण प्राप्त अपराधियों ने उनकी हत्या की है।
सूत्रधार के परिवार के लोगों का कहना है कि वह सोमवार रात से ही लापता थे। उनकी कुछ स्थानीय लोगों से व्यक्तिगत रंजिश भी बताई जा रही है। इसके अलावा बीजेपी के एक और कार्यकर्ता 45 वर्षीय तपन खटुआ का शव भी पूर्व मेदिनीपुर जिले के एगरा इलाके में स्थित एक तालाब से मिला है। बीजेपी और खटुआ के परिवार ने उनकी मौत के लिए टीएमसी को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं टीएमसी की लोकल लीडरशिप ने आरोपों को खारिज किया है। टीएमसी के नेताओं ने उलटे बीजेपी पर ही दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं पर राजनीति का आरोप लगाया है।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने चुनाव बाद हिंसा पर सुरक्षित रखा आदेश
टीएमसी का कहना है कि सूत्रधार की हत्या व्यक्तिगत रंजिश के चलते हुई है, जबकि तपन ने आत्महत्या की है। फिलहाल दोनों ही मामलों की जांच जारी है। लेकिन एक ही दिन में दो शव पाए जाने से राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। बीजेपी और टीएमसी के बीच पहले से ही रिश्ते अच्छे नहीं हैं। इसी बीच मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने चुनाव बाद हिंसा के मामलों की आखिरी सुनवाई की और आदेश सुरक्षित रख लिया।