रेप के आरोप में जेल की सजा काट रहे केरल के 53 वर्षीय पादरी को शादी के लिए बेल की अर्जी पर सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इनकार दिया। आरोपी पादरी को फरवरी 2019 में रेप का दोषी पाया गया था और इसके लिए उसे 20 साल की जेल की सजा मिली थी। हालांकि, अब रेप पीड़िता ने खुद कैथोलिक पादरी रॉबिन वडक्कुमचेरी से शादी करने की मंजूरी पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। पीड़िता रेप के समय नाबालिग थी और गर्भवती हो गई थी। अब वह बालिग हो चुकी है और एक बच्चे की मां है। सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पादरी से बेल के लिए केरल हाईकोर्ट जाने को कहा है।
दोषी रॉबिन वडक्कुमचेरी को वेटिकन ने पादरी पद से भी बर्खास्त कर दिया था। पीड़िता अब 22 साल की हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट में पीड़िता ने अपने पांच साल के बेटे को स्कूल में दाखिला दिलवाने का हवाला दिया था और सुप्रीम कोर्ट से दोषी से शादी करने के लिए अनुमति मांगी थी।
घटना के समय महिला नाबालिग थी और बाद में उसने एक बच्चे को जन्म दिया। उसने पूर्व पादरी को जमानत पर रिहा करने का अनुरोध किया है। रॉबिन वडक्कुमचेरी को 2019 में पोक्सो कानून के तहत मामलों की सुनवाई करने वाली अदालत ने दोषी ठहराया था।
इससे पहले, रॉबिन ने भी पीड़िता से शादी करने की मांग वाली एक याचिका के साथ केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन अदालत ने तब इसे ठुकरा दिया था। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि निचली अदालत का यह निष्कर्ष कि बलात्कार के समय पीड़िता नाबालिग थी, अब भी लागू है और आरोपी की दोषसिद्धी के खिलाफ अपील अभी भी उसके समक्ष लंबित है।
पीड़ित लड़की कैथोलिक परिवार से संबंध रखती है। रॉबिन वडक्कुमचेरी पादरी के तौर पर चर्च में काम करता था। मई 2016 में पीड़िता दसवीं का एग्जाम देने के बाद आरोपी पादरी के पास पहुंची थी। एक दिन दोपहर के समय पीड़िता को अकेला पाकर पादरी ने उसके साथ बलात्कार किया और फिर इसके बारे में किसी को भी कुछ न बताने को कहा। पीड़िता ने सबसे यह बात छिपाए रखी। रेप के बाद वह गर्भवती हुई और एक दिन अचानक पेट में दर्द की शिकायत के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। यहां जांच में पता चला कि पीड़िता गर्भवती थी। पीड़िता ने बाद में बच्चे को जन्म दिया। परिवार की ओर से इसकी शिकायत के बाद फरवरी 2017 में पादरी को गिरफ्तार किया गया था।