जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के होंजार गांव में कम-से-कम 19 लोग अभी भी लापता हैं। बुधवार सुबह बादल फटने के बाद इलाके में आई अचान बाढ़ को 48 घंटे से ज्यादा समय बीत गया है। एसडीआरएफ और एनडीआरएप किश्तवाड़ में राहत कार्य कर रही हैं। भारतीय सेना भी बचाव और राहत कार्य में पुलिस के साथ शामिल हो गई है। अधिकारियों ने बताया है गुरुवार रात तक कोई भी जीवित व्यक्ति या शव नहीं मिला है। अधिकारियों ने कहा है कि अब किसी भी व्यक्ति का जीवित मिलना बेहद मुश्किल है। भारतीय वायु सेना भी लगातार राहत कार्य में जुटी हुई है। हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर जरूरी चीजें पीड़ितों तक पहुंचाई जा रही हैं और जिन्हें इलाज की जरूरत है उन तक मेडिकल सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं।
हालांकि, लापता लोगों की तलाश के लिए बचाव अभियान जारी है, लेकिन मामले से परिचित पुलिस अधिकारियों ने हमारे सहयोगी हिन्दुस्तान टाईम्स को बताया कि किसी भी जीवित बचे व्यक्ति के मिलने की संभावना बहुत कम है। भारतीय वायु सेना (IAF) भी राहत और बचाव ऑपरेशन में शामिल हुई, IAF खराब मौसम के बावजूद गुरुवार शाम को आठ हेलीकॉप्टर उड़ानें भरीं और जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में राहत सामग्री वितरित की।
जम्मू स्थित सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, “जम्मू, उधमपुर और श्रीनगर से एक-एक आईएएफ के तीन हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की संयुक्त टीमों को किश्तवाड़ ले जाने के लिए किया गया था।” हेलीकॉप्टरों ने कुल आठ उड़ानें भरीं और सोंदर से किश्तवाड़ तक 44 एनडीआरएफ और एसडीआरएफ कर्मी, चार चिकित्सा सहायक समेत जरूरतमंदों तक राहत भार पहुंचाया. इसके अलावा विशेष उपचार के लिए गंभीर परिस्थितियों में राहत भार पहुंचाया।
बादल फटने की खबर मिलते ही आपदा प्रतिक्रिया कर्मियों को किश्तवाड़ भेजा गया। बुधवार शाम सात शव निकाले गए और 17 घायलों को बचाया गया। छह घायलों की हालत गंभीर होने पर उन्हें किश्तवाड़ जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों का कहना है कि राहत अभियान प्रभावित हो रहा है क्योंकि होंजार गांव में न तो कोई सड़क संपर्क है और न ही मोबाइल फोन नेटवर्क है। निकटतम सड़क से गाँव तक पहुँचने के लिए पाँच घंटे की पैदल यात्रा करनी पड़ती है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने किश्तवाड़ में हुए भीषण बादल फटने में जान गंवाने वालों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये देने की घोषणा की है। गंभीर रूप से घायलों को प्रत्येक को ₹50,000 प्रदान किया जाएगा, जबकि एसडीआरएफ प्रत्येक घायल को ₹12,700 अलग से वितरित करेगा।