धनबाद की जिला अदालत के जज अष्टम उत्तम आनंद की कथित हत्या मामले की गूंज सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है। गुरुवार को वरिष्ठ वकील और पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के सामने इस मामले को उठाया। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से सिंह ने शीर्ष न्यायालय से इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई करने की अपील की। विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से मामले की सीबीआई जांच कराए जाने की भी मांग की है।
बुधवार की सुबह जज उत्तम आनंद (उम्र 50 वर्ष) को ऑटो ने उस वक्त टक्कर मार दी थी जब वह मार्निंग वॉक से लौट रहे थे। न्यायाधीश गोल्फ ग्राउंड से टहल कर वापस हीरापुर बिजली ऑफिस के बगल में स्थित अपने क्वार्टर लौट रहे थे। रणधीर वर्मा चौक से चंद कदम की दूरी पर गंगा मेडिकल के सामने हादसा हुआ। पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है। फुटेज देखने के बाद पुलिस ऑटो चालक की मंशा पर सवाल उठा रही है। शक पैदा होने पर जज के पोस्टमार्टम के लिए डीसी के आदेश पर आनन-फानन में मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था। डॉक्टरों की टीम ने देश शाम न्यायाधीश के शव का पोस्टमार्टम किया। बताया जा रहा है कि सिर में गंभीर चोट के कारण उनके कान से रक्तश्राव हो गया। ब्रेन हेम्ब्रेज से मौत की बात कही जा रही है।
सरकार ने दिए जांच के आदेश
जज उत्तम आनंद की मौत की जांच के आदेश झारखंड सरकार ने दिए हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और धनबाद के प्रभारी मंत्री बन्ना गुप्ता ने डीसी संदीप कुमार व एसएसपी संजीव कुमार को ट्वीट कर मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाने और एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है। उन्होंने कहा कि उत्तम आनन्द की मौत की परिस्थितियां संदिग्ध है। सामाजिक संस्थाओं और न्यायिक संस्थाओं ने मौत पर सवाल उठाए हैं। जांच जरूरी है।
जज की पत्नी ने एफआईआर में हत्या का लगाया है आरोप
न्यायाधीश उत्तम आनंद की पत्नी कृति सिन्हा ने धनबाद थाना में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए अज्ञात के खिलाफ हत्या का आरोप लगाया है। दर्ज प्राथमिकी में कृति सिन्हा ने आरोप लगाया कि यह मामला दुर्घटना का नहीं है। वीडियो फुटेज से साफ है कि अज्ञात ऑटो के बीच वाले सीट पर बैठा अज्ञात व्यक्ति जानबूझकर ऑटो चालक के सहयोग से उनके पति के सिर पर वार किया है। जिससे उनकी मौत हो गई।