भारतीय मौसम विभाग ने बुधवार को दिल्ली में भारी बारिश की संभावना जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है तथा यातायात बाधित होने और निचले इलाकों में जलभराव की चेतावनी दी है। मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में मानसून के कारण एक हफ्ते तक हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
गौरतलब है कि 15 मिलीमीटर से कम की बारिश को हल्की, 15 से 64.5 मिमी के बीच को मध्यम, 64.5 से 115.5 मिमी के बीच को भारी, 115.6 से 204.4 मिमी के बीच को बहुत भारी बारिश माना जाता है। वहीं 204.4 मिमी से अधिक की बारिश को अत्यधिक भारी बारिश माना जाता है। दिल्ली में इस महीने अभी तक 386.3 मिमी तक बारिश हुई है जो सामान्य 190.4 मिमी बारिश से 103 प्रतिशत अधिक है। यह 2003 के बाद से जुलाई में हुई सर्वाधिक बारिश है तथा अब तक की दूसरी सबसे अधिक बारिश है।
मंगलवार सुबह (साढ़े आठ बजे से पहले) सफदरजंग वेधशाला ने महज तीन घंटों में 100 मिमी बारिश दर्ज की। उसने बुधवार को साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटों में 5.4 मिमी बारिश दर्ज की। पालम, रिज और आयानगर मौसम केंद्रों ने क्रमश: 68.7 मिमी, 13 मिमी और 29.1 मिमी बारिश दर्ज की। राजधानी में इस महीने अभी तक 15 दिन बारिश हुई है।
दिल्ली में 13 जुलाई को पहुंचे मानसून से अब बारिश होने लगी है, निचले इलाकों में जलभराव हो गया है तथा यातायात बाधित हो गया है। सामान्य तौर पर दिल्ली में जुलाई में 210.6 मिमी बारिश हुई है। आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में पिछले साल 236.9 मिमी, 2019 में 199.2 मिमी और 2018 में 286.2 मिमी बारिश हुई। 2013 में दिल्ली में 340.5 मिमी बारिश हुई थी। जुलाई में 2003 में सबसे अधिक 632.2 मिमी बारिश हुई थी।
स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पालावत ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में बारिश के दिनों की संख्या कम हुई। उन्होंने कहा कि शहरों में कम समय में अधिक बारिश हो रही है। इससे पहले तीन से चार दिनों में 100 मिमी बारिश होती थी। अब हम महज पांच-छह घंटों में हम इतनी बारिश दर्ज करते हैं। पालावत ने कहा कि इस तरह की बारिश से भूजल संचय में मदद नहीं मिलती और निचले इलाकों में बाढ़ आती है। अगर चार से पांच दिनों तक मंद-मंद बारिश होती है तो पानी जमीन में रिसकर पहुंचता है। भारी बारिश की स्थिति में पानी जल्दी बह जाता है।
आईएमडी बारिश के लिए चार रंगों के कोड का इस्तेमाल करता है। हरे का मतलब होता है सब ठीक है, पीले का मतलब होता है बहुत खराब मौसम। ऑरेंज अलर्ट अत्यधिक खराब मौसम के लिए जारी किया जाता है जिसमें सड़क यातायात के बाधित होने तथा नालों के भर जाने और बिजली आपूर्ति बाधित होने की चेतावनी होती है। रेड अलर्ट तब जारी किया हजाता है जब अत्यधिक खराब मौसम से यातायात और बिजली सेवाएं बाधित हो जाती हैं तथा जीवन को खतरा होता है