पेट्रोल देश के अधिकतर हिस्सों में 100 रुपये के पार बिक रहा है। वहीं, डीजल भी कुछ शहरों मे शतक बनाकर डटा हुआ है तो अधिकतर शहरों में यह 100 रुपये प्रति लीटर के बेहद करीब है। पेट्रोल-डीजल की महंगाई के पीछे कच्चे तेल की उछलती कीमतों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, क्योंकि पिछले एक साल में करीब इसमें 45 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। वहीं इस महंगाई के पीछे टैक्स भी कम जिम्मेदार नहीं है। भारत में पेट्रोल-डीजल पर लगने वाला टैक्स भी बहुत अधिक है। केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी के नाम पर तो राज्य सरकारें वैट आदि के रूप में आम आदमी की जेब से पैसा निकालकर अपना खजाना भर रही हैं।
केन्द्र सरकार ने भरा खजााना
संसद में अपने लिखित जवाब में केन्द्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा 31 मार्च 2021 के वित्तीय वर्ष तक केन्द्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी के जरिए पेट्रोल पर 1,01,598 करोड़ रुपये और डीजल पर 2,33,296 करोड़ रुपये की कमाई की है। 2020-21 में राजस्थान सरकार की कमाई पिछ्ले वित्तीय वर्ष के मुकाबले 15,199 करोड़ रुपये हो गई है, इसमें 1800 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। मध्यप्रदेश सरकार ने 1188 करोड़ रुपये की अधिक कमाई की है, सरकार पेट्रोल और डीजल के जरिए 11,908 करोड़ रुपये की कमाई पिछले वित्त वर्ष में की है।
किस राज्य में कितना टैक्स
मध्यप्रदेश सरकार पेट्रोल पर सबसे अधिक 31.55 रुपये टैक्स वसूल रही है। जबकि, राजस्थान सरकार डीजल पर देश में सबसे अधिक 21.82 रुपये टैक्स के जरिए कमा रही है। वहीं, पेट्रोल पर राजस्थान सरकार 29.88 रुपये और महाराष्ट्र सरकार 29.55 रुपये टैक्स के जरिए प्रति लीटर कमाई करती है। डीजल से आन्ध्र प्रदेश सरकार 21.78 रुपये प्रति लीटर, मध्यप्रदेश 21.68 रुपये, उड़ीसा 20.93 और महाराष्ट्र 20.85 रुपये प्रति लीटर टैक्स के जरिए कमाई करता है।
कहां जा रहा है टैक्स का पैसा
सरकार की तरफ से दिए गए जवाब में कहा गया है कि विकास की योजनाओं पर पैसा खर्च किया जा रहा है। उज्ज्वला, गरीब कल्याण योजना, आयुष्मान भारत, फ्री राशन जैसी योजनाओं के जरिए सरकार पैसा खर्च कर रही है।