किसान आंदोलन के जरिए एक बार फिर अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की कोशिश रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) अपने प्रदेश में ही किसानों की कथित अनदेखी झेलनी पड़ी। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा के जींद जिले में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में रविवार को धरनास्थल पर पहुंचे चौटाला को न किसानों के मंच पर जगह दी गई और नाही संबोधित करने के लिए माइक दिया गया, इससे वह नाराज होकर बिना बोले ही वापस लौट गए।
धरनास्थल पर पहुंचते ही चौटाला का स्वागत किया गया और मंच के सामने बैठने के लिए कुर्सी दी गई, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने उन्हें माइक नहीं दिया, इससे नाराज चौटाला बिना बोले ही वापस लौट गए। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) सूत्रों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला का यहां आने का कार्यक्रम एक सप्ताह पहले ही तय हो चुका था।
संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों- कैप्टन भूपेंदर व सतबीर बरसोला ने बताया कि उन्होंने पहले ही इनेलो के स्थानीय नेताओं को अवगत करा दिया था कि अब तक किसी भी राजनीतिक दल के नेता को यहां मंच साझा नहीं करने दिया गया है और चौटाला को भी मंच व माइक साझा नहीं करने दिया जाएगा।
बता दें कि तिहाड़ जेल से छूटने के बाद चौटाला बीते कई दिन से दिल्ली गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर समेत हरियाणा में अलग-अलग जगहों पर चल रहे धरना-प्रदर्शनों में शामिल हो रहे हैं।
काले कानूनों की वापसी ही दिवंगत किसानों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र सरकार के तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी ही इसके खिलाफ जारी आंदोलन के दौरान दिवंगत किसानों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। सुरजेवाला रविवार को जींद के गांव उझाना में किसान आंदोलन में सक्रिय तथा दिवंगत इंद्रसिंह ठोलेदार की श्रद्धांजलि सभा में आए थे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश का किसान पिछले आठ महीने से अपने घर और खेत छोड़कर सड़कों पर संघर्ष कर रहा है। गर्मी, सर्दी और बारिश की मार झेलते हुए दिल्ली सहित अनेक स्थानों पर तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रहा है, लेकिन भाजपा सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही। सुरजेवाला ने दोहराया कि कांग्रेस पार्टी किसानों के संघर्ष में उनके साथ है और सड़क से लेकर संसद तक तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार के मंत्री किसानों की शहादत पर संवेदना व्यक्त करने की बजाय किसानों को देशद्रोही, मवाली कहकर नमक छिड़क रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार को किसानों के साथ थोड़ी भी हमदर्दी है तो तुरंत तीनों कृषि कानून वापस ले लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार में सत्ता का सुख भोग रहे नेताओं के मुंह से किसानों की शहादत पर एक भी शब्द नहीं निकलना उनकी किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
वहीं, एक अन्य कार्यक्रम में खाप के प्रधान ओम प्रकाश कंडेला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को किसान एवं मजदूर विरोधी बताया।