कोरोना काल में कई हाल ही में मां बनी महिलाओं के मन कई सारे सवाल हैं। ऐसे में सबसे बड़ा जो सवाल है कि क्या कोविड पॉजिटिव मां अपने बच्चे को दूध पिला सकती है या नहीं। इसका नई दिल्ली के प्रसूकि एवं स्त्री रोग विभाग की एचओडी डॉक्टर मंजू पुरी ने दिया है। डॉ. मंजू पुरी की माने तो कोविड पॉजिटिव माताएं बच्चे को दूध पिला सकती है, लेकिन बाकि के समय बच्चे से कम से कम 6 फीट की दूरी पर रहने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर का कहना है कि अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि भ्रूण में इस वायरस का संक्रमण पहुंचता है कि नहीं, लेकिन गर्भवती महिलाओं को सभी तरह के कोरोना नियमों का पालन करना चाहिए। कोरोना वैक्सीन लगवाने के मुद्दों पर डॉक्टर का कहना है कि इससे प्रजनन अंगों या प्रजनन क्षमता पर को प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।
कोविड पॉजिटिव मां को क्या सावधानी बरतनी चाहिए
1) डॉक्टर मंजू पुरी का कहना है कि मां को अपने बच्चे का स्तनपान कराना जारी रखना चाहिए, लेकिन उसे सलाह दी जाती है कि जब वह स्तनपान नहीं कर रही हो, तो बच्चे को उससे छह फीट की दूरी पर रखें। घर में अगर को कोविड संक्रमित नहीं है तो वह बच्चे की देखभाल करने में मदद कर सकते हैं।
2)मां जब बच्चे को स्तनपान कराए, तो अपने हाथ अच्चे से धोएं, फेस शील्ड, मास्क जैसे सुरक्षात्मत गियर पहनने चाहिए साथ ही अपने आस पास की चीजों को सैनिटाइज करें।
3)यदि घर में बच्चे का ध्यान रखने वाला कोई नहीं है तो कोविड पॉजिटिव मां को हर समय मास्क पहनना चाहिए, और जितना हो सके बच्चे से शारीरीक दूरी बनाए रखनी चाहिए।
4) मां और बच्चे को अच्छी तरह हवादार कमरे में रहना चाहिए और नियमित रूप से हाथ धोना चाहिए और आसपास के इलाकों को साफ करना चाहिए।
भ्रूण संक्रमण पर क्या है डॉक्टर का कहना
भ्रूण संक्रमण पर अध्ययनों का हवाला देते हुए डॉ. पूरी ने कहा कि ‘अध्ययनो में पाया गया है कि प्लेसेंटा, एक अंग जो गर्भाश्य में बनता है जिसमें भ्रूण बढ़ता है, ये एक प्रोटेक्टिव बेरियर के तौर पर काम करता है। हालांकि ऐसे भी नवजात शिशु हैं जो संक्रमित पाए गए हैं, लेकिन हमें यकीन नहीं है कि वह बच्चे मां के पेट में संक्रमित हुए है या फिर पैदा होने के बाद। ऐसे में प्रेग्नेंट महिलाओं को हर तरह की सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि कोरोना मां और बच्चे को किसी भी तरह से प्रभावित कर सकता है।
वैक्सीन कैसे करेगी गर्भवती महिला की मदद
डॉक्टर पुरी का कहना है की पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में गर्भावस्थ के दौरान अधिक महिलाएं कोरोना से संक्रमित पाई गई हैं। संक्रमण गर्भवस्था के दौरान गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकता है, विशेष रूप से अंतिम तिमाही के दौरान क्योंकि गर्भाश्य बड़ा हो जाता है और डायाफ्राम पर दबाव पड़ता है। जिससे महिला के ऑक्सीजन में गिरावट आती है। ऐसे में ये मां और बच्चे दोनों के जीवन को खतरे में डाल सकता है। टीकाकरण से गर्भवती महिलाओं में गंभीर बीमारियों को रोकने में मदद मिलेगी। साथ ही मां को टीका लगने से नवजात शिशु को भी कुछ हद तक सुरक्षा मिलने की संभावना है क्योंकि टिकाकरण के बाद मां के शरीर में विकसित एंटीबॉडी उसके रक्त के माध्यम से विकासशील भ्रूण तक पहुंच जाएगा। शिशु को ये एंटीबॉडी मां के दूध के माध्यम से मिलती है।
प्रजनन क्षमता पर टीकों के संभावित प्रभाव
डॉ. पुरी का कहना है कि ये अफवाहे हैं, जो सर्वव्यापी सोशल मीडिया पर प्रसारित होती है। ऐसे में गलत सूचना वायरस से अधिक खतरनाक है। वैक्सीन शरीर को एक विशिष्ट रोगजनक के खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित करने में मदद करते हैं। यह शरीर के अन्य टीशू को प्रभावित नहीं करता है। वैसे भी महिलाओं को गर्भवस्था के दौरान कुछ टीके दिए जाते हैं। इस बात की कोई वैज्ञानिक पुष्टी नहीं है कि वैक्सीन से बांझपन का कारण बन सकता है। ये किसी भी तरह से प्रजनन अंगों को प्रभावित नहीं करते हैं।
क्या करें अगर कोरोना के लक्षण दिखें
डॉ. मंजू पुरी का कहना है कि कोरोना के लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट कराएं। जितना जल्दी इसके बारे में पता चलेगा वैसे ही इसका इलाज शुरू किया जा सकता है। इसका इलाज ठीक वैसा ही जैसा और लोगों के लिए, लेकिन डॉक्टर की निगरानी में। इस दौरान गर्भवती महिला खुद को आइसोलेट करें और ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं। हर 4 से 6 घंटे में तापमान और ऑक्सीजन चेक करें। अगर पेरासिटामोट लेने के बाद भी तापमान कम नहीं होता है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही अगर ऑक्सीजन की मात्रा कम होता है तो डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा जिन महिलाओं को शुगर, हाई बीपी, दिल की बिमारी या मोटापा संबंधित बीमारी है तो सावधानी बरतने की आवश्यकता है, ऐसे में उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है।
गर्भवती महिला के कोरोना संक्रमित होने पर परिवार क्या करे
परिवार को भी वीडियो कॉल के माध्यम से संपर्क में रहना चाहिए, और उसके मूड में किसी भई बदलाव का निरीक्षण करना चाहिए और अगर आपको उदास दिख रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।