राजस्थान की वल्लभनगर विधानसभा सीट पर विधानसभा उपचुनाव को लेकर तैयारियों का दौर शुरू हो गया है। बीजेपी-कांग्रेस के साथ इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी रण में उतरने की तैयारियां कर चुके हैं। ऐसे में त्रिकोणीय संघर्ष वाली इस सीट पर मतदान की तारीख के ऐलान से पहले ही चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है। राजनीतिक दलों के प्रमुख दावेदार अपने स्तर पर ही चुनावी मैदान में जुटे हुए हैं। ताकि पार्टी से टिकट मांगते वक्त अपने बायोडेटा में जनाधार के साथ गांवों में पार्टी कार्यकर्ताओं की पकड़ के दावे को भी ढंग से भुनाया जा सके।
उदयपुर जिले की वल्लभनगर सीट पर आगामी दिनों में होने वाले चुनावों को लेकर तीनों ही दलों से प्रमुख दावेदार अपने स्तर पर ही तैयारियां कर रहे हैं। गांव-गांव जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात और उनकी दुख सुख में मिलने की पूरी कोशिश हो रही है। दिवंगत विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी और प्रमुख दावेदार मानी जा रही प्रीति झाला पति के निधन के 6 महीने पूरे होने पर अब गांव-गांव जाकर लंबित कार्यों का जायजा ले रही है।
वहीं दिवगंत विधायक के बड़े भाई देवेंद्र सिंह शक्तावत भी पार्टी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर गांव-गांव अपनी टीम को मजबूत बनाने में जुटे हैं। यही नही भीमसिंह चूंडावत और कुबेरसिंह चावड़ा भी इस दौड़ में शामिल होते हुए गांव-गांव जाकर लोगों से मिलकर अपना जनाधार बढ़ाने में पीछे नही है। इसके साथ ही नेता जयपुर से लेकर दिल्ली तक राजनेताओं के चक्कर भी काट रहे हैं। ताकि उपचुनाव में उन्हें पार्टी का टिकट मिल सके।
वल्लभनगर विधानसभा सीट पर बीजेपी ज्यादा वैट एंड वॉच के मूड में है। अब तक किसी भी कमेटी या नेता को प्रभारी को नही बनाया गया है। लेकिन विधायकी के लिए पार्टी से टिकट चाहने वाले दोनों प्रमुख प्रत्याशी उदयलाल डांगी और आकाश वागरेचा अपने स्तर पर ही गांव-गांव जाकर अपनी पकड़ मज़बूत बनाने में जुटे हैं। पार्टी के आला नेता भी लगातार वल्लभनगर का दौरा कर कार्यकर्ताओं का मन टटोलने में जुटे हुए हैं।
उधर, जनता सेना भी हर क्षेत्र में संगठनात्मक नियुक्तियों को पूरी कर चुनावी तैयारियों में जुटी है। पूर्व विधायक और जनता सेना सुप्रीमों रणधीर सिंह भींडर लगातार क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक लेकर उनमें जोश भरने में लगे हुए हैं। इसके लिए बाकायदा भींडर गांव वालों द्वारा कर नगरपालिका के सहयोग से विकास कार्य करवाने में भी लग रहे हैं। ऐसे में इस सीट पर फिर से त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिल सकता है।
दरअसल, कांग्रेस आलाकमान ने जहां बीते दिनों वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव के लिए एक कमेटी बनाई है। कमेटी में प्रभारी मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, मंत्री प्रमोद जैन भाया, उदयलाल आंजना, विधायक दयाराम परमार, गणेश घोगरा, लाखन मीणा और पुष्कर डांगी शामिल है। हालांकि घोषणा के बाद से अब तक कमेटी के ज्यादातर सदस्यों ने वल्लभनगर क्षेत्र का दौरा या बैठक नही ली है। हालांकि बीजेपी ने तो अब तक कमेटी भी नही बनाई है। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस से ज्यादा सक्रिय जनता सेना उपचुनाव के रण को दिलचस्प बना सकती है।
बता दें कि उदयपुर जिले में कुल 8 विधानसभा सीटें है, ऐसे में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में दो सीटों (खेरवाड़ा और वल्लभनगर) पर कांग्रेस जीत दर्ज करने में कामयाब हो पाई। गजेंद्रसिंह के निधन से अब उपचुनाव में इस सीट को वापस पाना कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यही नही जिले की तीन अनारक्षित सीटों में भी यह सीट एक है। जहां अब तक राजपूत समाज से विधायक का कब्जा रहा है। कांग्रेस ने अब तक बीते तीन दशकों से यहां शक्तावत परिवार को ही टिकट देकर मैदान में उतारा है।
वल्लभनगर विधानसभा सीट पर बीते चार चुनाव में दो बार गजेंद्र सिंह शक्तावत को जीत मिली है। वहीं दो बार रणधीर सिंह भींडर जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। हालांकि इसमें से एक बार साल 2003 में भींडर भारतीय जनता पार्टी के बैनर तले चुनाव जीते थे। वहीं 2013 में भींडर ने निर्दलीय जीत दर्ज की थी।